आज देशभर में दिवाली की रौनक छाई हुई है। हर शहर, हर गली, हर घर रोशनी से चमक रहा है। मिठाइयों की खुशबू और फूलों की महक के बीच लोग अपने घरों को सजा रहे हैं। शाम ढलते ही दीयों की कतारें ऐसे जगमगाती हैं, जैसे धरती पर सितारे उतर आए हों। हर कोई इस त्योहार को पूरे जोश और उमंग से मना रहा है। वहीं, अगर बात बॉलीवुड की हो तो वहां दिवाली का रंग और भी खास होता है। फिल्मों से लेकर पार्टीज तक… हर जगह दिवाली का जोश साफ नजर आता है। जब बात हो बॉलीवुड की दिवाली की, तो गानों का जिक्र तो लाजमी है। दिवाली के मौके पर ऐसे कई गाने हैं जो हर साल लोगों के दिलों में नई रौनक भर देते हैं।
आज के आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ गानों के बारे में बताएंगे, जिसके बिना पार्टी अधूरी मानी जाती है। हर किसी की दिवाली पार्टी में इस गाने को जरूर ही बजाया जाता है।
‘आई है दिवाली सुनो जी घरवाली’
जब भी दिवाली का नाम आता है, तो सबसे पहले यही गाना जुबां पर आता है “आई है दिवाली सुनो जी घरवाली।” इस जोशभरे गाने ने सालों से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई हुई है। गोविंदा, जूही चावला, तबू और जॉनी लीवर जैसे सितारों से सजी फिल्म आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया का यह गाना आज भी हर दिवाली पार्टी में बजना जरूरी समझा जाता है। जैसे ही यह गाना बजता है, माहौल में अपने आप मस्ती और मुस्कुराहट फैल जाती है। पुराने लोग कहते हैं, “अगर यह गाना ना बजे तो दिवाली अधूरी लगती है।”
‘दीप दिवाली के झूठे’
बॉलीवुड की क्लासिक फिल्मों में से एक जुगनू का यह गाना ‘दीप दिवाली के झूठे’ आज भी लोगों की यादों में बसा हुआ है। धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की जोड़ी ने इस गाने में ऐसा जादू बिखेरा था कि फैंस आज भी इसे सुनते ही झूम उठते हैं। मोहम्मद रफी की आवाज और संगीत की मिठास ने इस गाने को अमर बना दिया। 70 के दशक की यह दिवाली की झलक आज के समय में भी उतनी ही ताजगी लेकर आती है… जितनी कि उस दौर में थी।
‘कोरे-कोरे सपने मेरे’
टीवी पर जब भी सूर्यवंशम आती है, तो लगता है मानो घर में फिर से दिवाली लौट आई हो। अमिताभ बच्चन के डबल रोल वाली इस फिल्म में यह गाना खास है। “कोरे-कोरे सपने मेरे” की शुरुआत ही दीपों और पूजा की थाली से होती है। शायद यही वजह है कि यह गाना सालों बाद भी लोगों की यादों में जिंदा है। इसे सुनकर फिल्म की याद तो आती ही है, साथ ही बचपन की दिवालियां भी ताजा हो जाती हैं।
‘जलते दिए’
सलमान खान और सोनम कपूर की फिल्म प्रेम रतन धन पायो दिवाली पर रिलीज हुई थी, जिसका गाना “जलते दिए” तो मानो दिवाली का नया प्रतीक बन गया। इस गाने की शूटिंग दीयों, फूलों और रोशनी से सजे महल में हुई थी, जो देखने में किसी सपनों की दुनिया जैसा लगता है। गीत की मिठास और संगीत की शांति दोनों मिलकर ऐसा एहसास देते हैं कि जैसे खुद लक्ष्मी जी आशीर्वाद देने आई हों। आज भी यह गाना दिवाली की शाम को माहौल को और खूबसूरत बना देता है।
‘राम आएंगे तो दीप जलाऊंगी’
यह गाना सुनते ही मन में श्रद्धा का भाव जाग उठता है। “राम आएंगे तो दीप जलाऊंगी” सिर्फ एक गाना नहीं, बल्कि एक भावना है। जब इसे सुनते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे अयोध्या में दीपावली की वह पहली रात फिर से तरोताजा हो गई हो, जब भगवान राम चौदह साल बाद लौटे थे।
‘रघुवर तेरे राह निहारे’
दिवाली सिर्फ खुशियों का ही नहीं, बल्कि आस्था का भी त्योहार है। इस गाने में वही भक्ति झलकती है। मीठी धुन और गहराई भरे बोल इस गीत को आत्मिक बना देते हैं।





