रांची, डेस्क रिपोर्ट। राज्य के 6th-7th pay commission कर्मचारियों (Employees) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल झारखंड हाई कोर्ट (high court) द्वारा सभी विभागों (department) में दी जाने वाली पदोन्नति (promotion) पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में कार्मिक विभाग और डीजीपी (DGP) को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। अदालत ने प्रोन्नति के संबंध में कार्मिक विभाग के 3 जून 2022 और डीजीपी के 23 जून 2022 के आदेश पर भी रोक लगा दी है।
जस्टिस एसएन पाठक की अदालत ने गुरुवार को श्रीकांत दुबे और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया है। अदालत में प्रोन्नति के संबंध में 23 जून के उस आदेश पर भी रोक लगाई गई है। जिसमें प्रोन्नति प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए थे।
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याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रखते हुए वकील दिवाकर उपाध्याय ने अदालत को कहा कि पुलिस विभाग में वह एएसआई के पद पर नियुक्त हैं। ऐसे में प्रमोशन के लिए डीजीपी ने आदेश जारी किया था। आदेश पर कार्मिक विभाग द्वारा आलोक लिया गया। डीजीपी ने अपने आदेश में एसआईसी-एसआई में प्रोन्नति प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।
निर्देश में कहा गया कि एससी एसटी के पैसे उम्मीदवार जो प्रोन्नति के लायक हैं। उन्हें भी सामान्य श्रेणी में प्रोन्नति दी जाएगी। मामले में कार्मिक विभाग द्वारा जानकारी देते हुए कहा गया कि प्रोन्नति के क्या नियम होंगे? यदि प्रशासनिक सेवा में एसबीआई समकक्ष पदों पर 50 प्रोन्नति हो रही है तो एक से पचास तक की सूची में 32 अनारक्षित, 5 SC और 13 SC पदों को शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा कार्यक्रम में अगर एससी और एसटी कर्मी 1 से 32 की श्रेणी में आते हैं तो उन्हें अनारक्षित श्रेणी में पदोन्नति दी जाएगी। वहीं सरकार के आदेश के मुताबिक एससी एसटी के सरकारी सेवक को अनारक्षित पर पदोन्नति करने से यह देखा जाना जरूरी नहीं है कि नियुक्ति आरक्षण के आधार पर हुई है या योग्यता के आधार पर। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आधार बनाया गया है।