सूरत, डेस्क रिपोर्ट। शासकीय कर्मचारियों (7th pay commission Employees) को एक बार फिर से बड़ी राहत मिल सकती है। दरअसल एक तरफ जहां उनके ग्रेड पे वृद्धि (Grade pay hike) की गई है। वहीं दूसरी तरफ उनकी सैलरी में बम्पर वृद्धि (salary hike) देखने को मिल रहा है। हालांकि विभाग द्वारा पैकेज की घोषणा के साथ ही विभाग द्वारा अधिकारियों से एफिडेविट लिया जा रहा है। जिसके बाद में कर्मचारियों में बेहद असंतोष बढ़ रहे हैं। इसको देखते हुए अब गृह राज्य मंत्री ने इस मामले में विभाग के कर्मचारियों को प्रक्रिया से बाहर रखने का प्रस्ताव वित्त विभाग को सौंपा है। इसकी मंजूरी मिलने के साथ ही कर्मचारियों के वेतन में 90 हजार तक वेतन वृद्धि देखने को मिलेगी। दूसरी तरफ उन्हें एफिडेविट की प्रक्रिया से भी दूर रहना होगा।
दरअसल ग्रेड पे के मुद्दे पर पुलिस विभाग के कर्मचारियों को बड़ी सफलता हाथ लगी थी। दरअसल उनके वेतन स्केल में वृद्धि की घोषणा की गई थी। हालांकि वेतन बढ़ोतरी के बाद अब लिख जा रहे हलफनामे पर विवाद और असंतोष पैदा हो गया है। जिस पर गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने कहा है कि प्रक्रिया में पुलिस विभाग को बाहर रखा जाएगा। इसके लिए विभाग से चर्चा की गई है। हालांकि इस पर आखिरी निर्णय वित्त विभाग को ही लेना है।
प्रेस वार्ता में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि जब राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की जाती है या उनके नए ग्रेड पर लागू किए जाते हैं तो कर्मचारियों से एफिडेविट लिखवाया जाता है। यह वित्त विभाग की तरफ से की जाने वाली प्रक्रिया में शामिल है। हालांकि पुलिस विभाग एक अनुशासित पद है, इसलिए प्रक्रिया से बाहर रखना चाहिए जिस पर वित्त विभाग से चर्चा की गई है।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर वित्त विभाग से चर्चा की गई है। उन्हें सुझाव दिया गया है कि पुलिस विभाग को एफिडेविट की प्रक्रिया से दूर रखा जाए। वित्त विभाग द्वारा अनुमोदित होने पर पुलिस विभाग में शपथ पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। आशा जताई जा रही है कि वित्त विभाग द्वारा इसे स्वीकार किया जाएगा।
दरअसल ऐसा पहली बार है, पुलिस विभाग को भी हलफनामा प्रस्तुत करना पड़ा। पुलिस विभाग को विभाग की प्रक्रिया में अब तक हलफनामा दाखिल नहीं करना पड़ता था। पहली बार इस प्रक्रिया से पुलिसकर्मियों में नाराजगी देखी जा रही है। इससे पहले 16 साल बाद गुजरात पुलिस कर्मियों की वेतन बढ़ाने के लिए पैकेज जारी किया गया। दरअसल मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा राज्य पुलिस कर्मियों के वेतन बढ़ाने के लिए 550 करोड़ के पैकेज जारी किए गए थे।
इसके तहत एलआरटी कर्मचारियों की मासिक वेतन लगभग 8000 हो जाएंगे। जबकि कॉन्स्टेबल की वेतन में 4000 की वृद्धि देखी जाएगी। वही इस वेतन वृद्धि से LRT के कर्मचारियों के वार्षिक वेतन 3.47 लाख से बढ़ कर 3 लाख 47 हजार पुलिस सिपाही के वेतन बढ़कर 4 लाख 16 हजार रुपए, पुलिस हेड कांस्टेबल के वेतन 4 लाख 95 हजार रुपए और एएसआई के वेतन 5 लाख 84 हजार रुपए हो जायेंगे।
इससे पहले 2006 में पुलिस कर्मियों के लिए ग्रेड पे निर्धारित किया गया था। वहीं वर्तमान में कॉन्स्टेबल हेड कॉन्स्टेबल एएसआई समेत 65000 पुलिसकर्मी कार्यरत है इस महीने में बैठक की गई थी। 10 महीने की बैठक के बाद पुलिस कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया है।