जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में एक बार फिर से हाईकोर्ट (MP High court) ने बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भर्ती (NHM Recruitment Scam) में बड़ा घोटाला सामने आया है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने नियुक्ति करने वाली एजेंसी पर भारी जुर्माना (Heavy fine on agency) लगाया है। वहीं एक अन्य कार्रवाई में भी हाई कोर्ट में बड़ी सुनवाई जल्द होगी।
MP HC कर्मचारियों High pay scale लंबित मांगों को पूरा करने की दिशा में हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के कर्मचारियों (MP HC Employees) की उच्च वेतनमान (high pay scale) से जुड़े मामले में बनी विशेष कमेटी की रिपोर्ट सरकार ने सीलबंद लिफाफे में पेश कर दी है। इस मामले में न्यायाधीश रवि मलीमठ और जस्टिस अंजलि पालो की युगल पीठ ने इस रिपोर्ट की कॉपी अधिवक्ता को देने के निर्देश दिए हैं। वहीं अगली सुनवाई 13 जून को निर्धारित कर दी गई है।
बता दे इस मामले में हाई कोर्ट ने पूर्व में दिए आदेश के परिपालन का रास्ता निकालने कमेटी का गठन किया था। जिसके लिए रजिस्ट्रार जनरल, विधि और विधाई कार्य विभाग के प्रमुख सचिव वित्त विभाग के प्रमुख सचिव और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को भी इसमें शामिल किया गया था। मामले में मुख्य न्यायाधीश ने हाई कोर्ट कर्मचारी के उच्च वेतनमान की सिफारिश की थी। इसके लिए महाधिवक्ता द्वारा कंपाइल रिपोर्ट पेश किया गया था।
जिसमें बताया गया था की अनुशंसा को मान लिया जाएगा तो सचिवालय और अन्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों से भेदभाव होगा और उन्हें भी उच्च वेतन की मांग करनी होगी। जिसके बाद कैबिनेट ने अनुशंसा को अस्वीकार कर दिया था। वही कोर्ट में जानकारी देते हुए बताया गया था कि सरकार ने पहले भी यही ग्राउंड लिया था। जिसे अस्वीकार किया जा चुका है इस मामले में 5 सितंबर 2019 को सरकार ने दलील को नकारते हुए मुख्य न्यायाधीश के अनुशंसा पर विचार करने के आदेश दिए थे।
बता दें कि इससे पहले 109 कर्मचारियों द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसमें उच्च वेतनमान व भत्ते देने के लिए 2016 में याचिका दायर की गई थी। मामले में हाईकोर्ट में 2017 में राज्य सरकार को आदेश जारी किए थे। वही पालन नहीं होने पर 2018 में अवमानना याचिका प्रस्तुत की गई थी।
हाई कोर्ट का बड़ा एक्शन, नियुक्ति करने वाली एजेंसी पर लगाया जुर्माना, भर्ती घोटाले पर बड़ी अपडेट
दूसरी कार्रवाई मध्य प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भर्ती घोटाले के मामले में हाईकोर्ट ने नियुक्ति करने वाली एजेंसी ओआईसी पर 10000 का जुर्माना लगाया है। वही एजेंसी ने कहा कि बार-बार मोहल्ला दिए जाने के बाद जवाब नहीं पेश करने पर यह कार्रवाई की गई है।
बता दे हाईकोर्ट में एक उम्मीदवार सेवक राम पटेल की ओर से याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि कोरोना काल के दौरान NHM के तहत नियुक्तियां में गड़बड़ी देखने को मिली थी। भारी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा गया था कि नियुक्ति में तत्कालीन आरक्षण के नियम का पालन नहीं किया गया है। वहीं कम अंक पाने वाले उम्मीदवार का चयन करें। अधिक अंक पाने वाले उम्मीदवार की उम्मीदवारी को बर्खास्त कर दिया गया है।
जिसके बाद याचिकाकर्ता के दावे के मुताबिक चयनित उम्मीदवार से उसके नंबर ज्यादा है। बावजूद उसके दरकिनार कर कम अंक वाले को नियुक्ति दी गई है। इस मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से नियुक्ति देने वाली एजेंसी ओआईसी को जवाब देने के आदेश जारी किए गए थे। वहीं कई बार मोहलत दिए जाने के बाद भी नियुक्ति करने वाली एजेंसी ओआईसी द्वारा जवाब नहीं पेश किया गया
जिसके बाद हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस विशाल घटक ने एजेंसी पर 10000 जुर्माने की कार्रवाई की है। इस मामले में अगली सुनवाई जून महीने में होगी। जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भर्ती घोटाले की जांच की जाएगी। साथ ही एजेंसी को जवाब पेश करना होगा। जवाब नहीं पेश करने की स्थिति में बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।