मुंबई, डेस्क रिपोर्ट महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के 238 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों (Employees) की सेवाएं शुक्रवार को समाप्त कर दी गईं और राज्य के प्रमुख सार्वजनिक परिवहन उपक्रम में हलचल को देखते हुए 297 कर्मचारियों को निलंबित (Suspended) कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि 2,296 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नोटिस (notice) भेजे गए हैं और पहले चरण में 238 की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं और आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस सप्ताह की शुरुआत में, 2,584 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में से कुल 2,296 को नोटिस दिया गया था कि उन्हें 24 घंटे के भीतर ड्यूटी पर शामिल होने के लिए कहा गया, लेकिन केवल 32 ने काम करने की सूचना दी थी।
हमने शुक्रवार को 297 कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया है, 2,776 पर कार्रवाई की गई। MSRTC के कर्मचारी अक्टूबर के अंत से राज्य सरकार के साथ उपक्रम के विलय की मांग कर रहे हैं, जिससे उन्हें बेहतर वेतन और अधिक नौकरी की सुरक्षा मिलेगी। आंदोलन के कारण नौ नवंबर से 250 MSRTC बस डिपो में परिचालन बंद है।
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एक अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को 380 एमएसआरटीसी कर्मचारियों की सेवाओं को 24 वें दिन जारी हड़ताल को समाप्त करने से इनकार करने के लिए समाप्त कर दिया। इस बीच, परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि सरकार विलय की मांग को छोड़कर हर चीज पर चर्चा के लिए तैयार है। कई अपीलों के बावजूद ड्यूटी में शामिल नहीं होने के लिए, सरकार ने अब तक महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम, राज्य द्वारा संचालित बस सेवा के 90,000 से अधिक कर्मचारियों में से 618 को बर्खास्त कर दिया है।
इसके अलावा, दिन के दौरान 161 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया, जिससे कुल निलंबित कर्मचारियों की संख्या 2,97 हो गई। निगम शनिवार को कुल 4,280 यात्रियों को लेकर 143 बसें चलाने में कामयाब रहा। 28 अक्टूबर से हड़ताल पर चल रहे कर्मचारियों की मुख्य मांग नकदी संकट से जूझ रहे निगम का राज्य सरकार में विलय है। मंत्री परब ने संवाददाताओं से कहा ‘सरकार विलय को छोड़कर सभी मांगों पर चर्चा के लिए तैयार है।