सागर, अतुल मिश्रा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष (BJP State President) की बहुप्रतीक्षित जम्बो कार्यसमिति की सूची जारी होने के बाद कई सवाल उठ रहे है। जाति का उल्लेख करने के बाद सूची में बुंदेलखंड (bundelkhand) क्षेत्र में भाजपा संगठन को खड़ा करने वाले राठौर परिवार को न लिया जाना। दूसरे दलों से आये नेताओ को कार्यसमिति में स्थान देना, पार्टी की कार्यशैली और प्रदेश अध्यक्ष की संगठन समझ पर पार्टी के भीतर से ही सवाल खड़े होने लगे है।
संगठन में भाजपा की सबसे पुरानी पीढ़ी एवं जनसंघ से जुड़े परिवार को कार्यसमिति में न लेना तथा दूसरे दल से आये विचारधारा के लोगों को पार्टी में आगे लाने की यह कार्यशैली, प्रदेश अध्यक्ष को तो मजबूत बना सकती है लेकिन राठौर परिवार को प्रदेश कार्यसमिति में शामिल न किये जाने से बुंदेलखंड में पार्टी को कमजोर करने की शुरुआत कहा जा सकता है।
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राठौर परिवार से स्व. हरनाम सिंह राठौर, जंहा बुंदेलखंड क्षेत्र में भाजपा संगठन को स्थापित करने वालो में पहली पंक्ति के नेता रहे है। प्रदेश सरकार में मंत्री रहे स्व. हरनाम राठौर ने पार्टी को खड़ा करने में तन मन धन सबकुछ न्यौछावर भी किया। उनके निधन के बाद पुत्र हरवंश राठौर ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए भाजपा संगठन की हर गतिविधियों में सबसे आगे रहकर कार्य किया।
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10 साल तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहने के बाद वह बंडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी चुने गए। पार्टी के युवा नेताओ में शुमार हरवंश राठौर सभी नेताओं के बीच घुलमिल कर निःस्वार्थ पार्टी के लिए समर्पित है। दिखावे की फ़ोटो की राजनीति से दूर जमीन से जुड़े नेताओ में उनकी गिनती होती है।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष VD Sharma की प्रदेश कार्यसमिति में ऐसे नेताओं का नाम शामिल न होना, पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरने एवं संगठन को मजबूत करने की जगह कमजोर करने वाला कदम कहा जा रहा है।