भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। जो महिलाएं मां नहीं बनना चाहती और इसके लिए कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स या किसी और तरीके का इस्तेमाल करती हैं, ये उनके लिए काम की खबर है। अनचाही प्रेग्नेंसी को प्रकृतिक प्रणाली से भी रोका जा सकता है। इसके लिए रिदम मेथड (rhythm method) को अपनाना होगा।
ये भी देखिये – Women Health : पीरियड्स के दौरान रखें अपना विशेष ध्यान, इस तरह करें देखभाल
Rhythm method कैलेंडर मेथड भी कहा जाता है। ये नेचुरल तरीका है जिससे गर्भधारण की संभावना को कम किया जा सकता है। इसके लिए महिला को अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल (menstrual cycle) को ट्रैक करने के साथ अपनी फर्टिलिटी (fertility) के समय पर भी नज़र रखनी होगी। महीने में कुछ दिन होते हैं जब महिला सबसे ज्यादा फर्टाइल होती हैं और गर्भधारण की संभावना अधिक। उस दौरान उन्हें सेक्स (sex) से बचना होगा। रिदम मेथड अपनाते हुए भी अगर महिला अपने फर्टाइल पीरियड में सेक्स करती है तो उस समय बर्थ कंट्रोल पिल या कंडोम (condom) का उपयोग किया जा सकता है।
रिदम मेथड अपनाने के लिए महिला को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उसका ओव्यूलेशन कब होने वाला है। मेंस्ट्रुअल साइकिल में ओव्यूलेशन के समय ओवरीज से एग रिलीज होते हैं। अगर ये एग स्पर्म से मिलते हैं तो प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ती है। अपनी फर्टिलिटी को मॉनिटर करने के लिए पीरियड साइकिल पर नजर रखिये। सामान्यतया पीरियड्स 28 दिन के अंतराल पर आते हैं। लेकिन अलग अलग महिलाओं के लिए ये गैप 20 से लेकर 35 दिन का भी हो सकता है। अपना ओव्यूलेशन पीरियड जानने के लिए पीरियड्स शुरू होने वाले दिन से पहले के 14 दिन गिन लीजिये। वैसे ओवरी से रिलीज होने के बाद एग्स 12 घंटे तक ही फर्टाइल रहते हैं लेकिन महिलाओं के शरीर में स्पर्म कुछ दिनों तक रहता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि अनचाहे गर्भ से बचने के लिए ओव्यूलेशन के तीन दिन पहले और तीन दिन बाद तक सेक्सुएल इंटरकोर्स से बचा जाए। जिन महिलाओं के पीरियड्स रेगुलर होते हैं उनके लिए ये प्रणाली काफी उपयोगी है। ओव्यूलेशन और फर्टिलिटी विंडो पर वॉच रखने के लिए कई एप भी है, जिनकी सहायता से आप सटीक जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।