पटना, डेस्क रिपोर्ट। लाखों स्कूली शिक्षक-प्रधानाध्यापकों (Employees-Teachers) के लिए बड़ी खबर है। दरअसल उन्हें एमएसीपी 2010 (MACP 2010) के तहत वित्तीय लाभ प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने आदेश (order issued) जारी कर दिए। जारी आदेश के मुताबिक स्कूल के शिक्षक और प्रधानाध्यापक को दूसरे राज्य कर्मी और माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों की तरह निर्धारित सेवा शर्त पूरी करने के बाद पहले दूसरे और तीसरे फाइनेंसियल अपग्रडेशन प्राप्त होंगे। विभाग के सभी पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए इस संदर्भ में पहले जारी के संकल्प के मुताबिक आदेश का पालन किए जाने के निर्देश दिए हैं।
इसका लाभ लाखों कर्मचारियों को होगा। दो लाख से अधिक शिक्षकों को इस में वित्तीय लाभ मिलने की संभावना जताई गई है। इस योजना के तहत प्रमोशन की जगह वित्तीय ग्रेड में कर्मचारी को प्रमोट किया जाएगा। जिसके तहत शिक्षकों की पोस्ट में वृद्धि ना होकर उनके वेतन में एक नियमित अंतराल पर इजाफा देखने को मिलेगा। इसके लिए बिहार के प्रारंभिक की स्कूल शिक्षक व प्रधानाध्यापकों को मॉडिफाइड एंड करियर प्रोग्रेशन स्कीम 2010 के नियम के तहत वित्तीय लाभ उपलब्ध कराए जाने हैं। वहीं शिक्षकों को 10, 20 और 30 वर्ष की सेवा पूरी करने पर पहले, दूसरे और तीसरे वित्तीय नियम का लाभ उपलब्ध कराया जाना है।
वित्त विभाग के अनुशंसा के बाद विभागीय आदेश जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि वैसे शिक्षक दिन की सेवा 1 जनवरी 2009 के पूर्व 10 वर्ष में पूरी की जाती है और उन्हें वित्तीय उन्नयन की सुविधा 1 सितंबर 2011 को दी जाएगी। इसके अलावा कर्मचारी को उसी तिथि से ग्रेड पे का भी लाभ निर्धारित किया गया है। इसके अलावा आदेश के तहत ऐसे शिक्षक दिन की सेवा को 20 साल पूरे हो चुके हैं और उन्हें द्वितीय उन्नयन की वास्तविक लाभ 1 सितंबर 2011 से मिल रही है उन्हें ग्रेड पे का लाभ उसी सत्र से दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद की तरफ से आदेश जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि लाभान्वित होने वाले शिक्षकों को एमएसीपी की स्वीकृति दिए जाने के दौरान उनके ग्रेड पे से मंजूर वित्तीय उनके फल स्वरुप राशि अगर बची हो तो उसे समायोजित किया जाना है। साथ ही जिला प्रारंभिक शिक्षा स्थापना समिति जिला स्तर पर कर्मचारियों को एमएसीपी का लाभ देने के लिए स्क्रीनिंग समिति पर कार्य करेगी। वही समिति की अनुशंसा के आदेश पर ही डीईओ और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से लाभ दिए जाएंगे।