चंडीगढ़, डेस्क रिपोर्ट। राज्य सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारी (Employees)-शिक्षकों (teachers) को जल्दी बड़ा तोहफा दिया जा सकता है। उनके लिए संशोधित 7th वेतनमान (Revised 7th pay scale) के लिए प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है। बता दें कि मार्च में गजट नोटिफिकेशन (gazette notification) जारी किया गया था। हालांकि इसके तत्काल बाद कर्मचारी शिक्षकों के वेतन में संशोधन की प्रक्रिया तैयार की गई थी। हालांकि वित्तीय संकट का हवाला देते हुए शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिल पाया है। वहीं शिक्षकों को जल्द सातवें वेतनमान का लाभ दिया जायेगा, जिससे कि जल्द ही शिक्षकों की सैलरी में बंपर वृद्धि देखने को मिलेगी।
मार्च में चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा नियमों के लागू होने के बावजूद, ट्राइसिटी के विभिन्न सरकारी कॉलेजों के शिक्षक अभी भी यूजीसी के सातवें वेतन आयोग के लाभों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए यूटी सलाहकार और गृह सचिव को कई अभ्यावेदन भेजे हैं और कहा है कि चंडीगढ़ के सरकारी शिक्षक ही उन कर्मचारियों में से हैं जिन्हें अभी भी संशोधित वेतनमान मिलना बाकी है।
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पूर्णेंदु रंजन, एसोसिएट प्रोफेसर, पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स, सेक्टर 42 ने कहा कि हमने 1 अप्रैल, 2022 से सभी यूटी कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सेवा नियमों के लागू होने के बाद भी यूटी अधिकारियों को कई अभ्यावेदन भेजे हैं। हमारे लिए, गैर-कार्यान्वयन जनवरी 2016 से हमारे संशोधित वेतनमान में भेदभाव और अभाव का सबसे ज्वलंत मुद्दा 7वें वेतनमान में से है, जबकि अन्य सभी यूटी कर्मचारियों को यह पिछले दो से तीन वर्षों के दौरान पहले ही मिल चुका है।
शिक्षकों ने कहा कि वे समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें यूजीसी के सातवें वेतनमान से वंचित क्यों किया जा रहा है और 29 मार्च को गृह मंत्रालय की गजट अधिसूचना में इसे तत्काल लागू करने के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई प्रयासों के बावजूद, निदेशक, उच्च शिक्षा अमनदीप सिंह भट्टी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।