भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सरकार (Government) ने किसानों (farmers) के हित में बड़ा फैसला लिया है। इससे देश के करोड़ों किसान को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा कर्ज देने वाली संस्थाओं को भी वित्त वर्ष 2024-25 तक के लिए किसानों को दिए जाने वाले लघु अवधि के कर्ज में 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाएगी। दरअसल कैबिनेट मीटिंग में इंटरेस्ट सब्वेंशन स्कीम को मंजूरी दी गई है। जिससे अब किसानों को ब्याज में ऋण ब्याज (loan interest) में 1.5% की छूट मिलेगी।
बता दें कि इसके तहत 3 लाख रुपए तक का लोन लेने पर किसानों को ब्याज में 1.5% का छूट उपलब्ध कराया जाएगा। इस निर्णय के बाद सरकार ने कहा कि कृषि सेक्टर ने पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित करने के लिए फैसला लिया गया है।सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कैबिनेट ने 3 लाख रुपए के लघु अवधि के कृषि लोन पर 1.5 प्रतिशत छूट को मंजूरी दी है। इस कदम का मकसद कृषि क्षेत्र के लिए पर्याप्त लोन सुनिश्चित करना है। साथ ही इसका लाभ लाखों किसानों को होगा। वित्तीय संस्था के लिए लघु कृषि कर्ज के लिए डेढ़ प्रतिशत ब्याज सहायता योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
मामले में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में Repo Rate में वृद्धि की गई है। इसके साथ ही अल्पकालीन कृषि ऋण पर ब्याज दर को कम करना आवश्यक था। इसका फायदा यह होगा कि संस्था कृषि क्षेत्र में किसानों को लोन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगी और साथ ही लोन देने वाली संस्था को भी वित्तीय लाभ मिलेगा। जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में वृद्धि देखने को मिलेगी।
इधर सरकार के इस फैसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट द्वारा सर्व कल्याण के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाता है। कृषि और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में यह निर्णय बेहद ही आवश्यक है।इससे किसान सहित बड़ी आबादी लाभान्वित होगी। सीएम शिवराज ने कहा कि देश के लाखों किसान को राहत देते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने 3 लाख तक के लघु अवधि के कृषि लोन पर 1.5% प्रतिवर्ष की ब्याज में छूट को मंजूरी दी है। इसके अलावा कर्ज देने वाली संस्थाओं को 1.5 प्रतिशत वेयर सहायता देने का महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है।
इसके लिए केंद्र सरकार ने क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए 34856 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट प्रावधान भी किया है। सरकार के इस फैसले से उतर गया स्थानीय और सहकारी बैंकों की हालत सुधरे।गी वही अर्थव्यवस्था में भी तेजी आएगी। साथ ही इसका लाभ लाखों किसानों को मिलेगा। किसानों को अपनी व्यवहारिक आवश्यकता पूर्ण करने के लिए अधिक उपलब्ध कराए जा सकेंगे।