नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। यूजीसी (UGC) -AICTE द्वारा बड़ी तैयारी की जा रही है। दरअसल केंद्र सरकार एक कॉमन हायर एजुकेशन बॉडी(common higher education body) स्थापित करने पर विचार कर रही है। इसके तहत UGC और AICTE को मर्ज करने की तैयारी की गई है। इसके लिए कमेटी का गठन कर दिया गया हैं। वही माना जा रहा है कि यूजीसी और एआईसीटीई अब एक कॉमन बॉडी के रूप में कार्यरत होगी। जिसे हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया (HECI) के तौर पर जाना जाएगा।
बता दे कि 2018 में इसकी स्थापना का प्रस्ताव रखा गया था। वहीं नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत सुझाए के सबसे बड़े बदलाव में से यह बदलाव कॉमन बॉडी स्थापित करने को लेकर की जा रही है। इसके लिए रोड में भी तैयार किया गया है। यूजीसी एआईसीटीई के लिए एक सिंगल रेगुलेटरी बॉडी के रूप में कार्य करने को लेकर रोड मैप में कई तरह की जिम्मेदारियों को शामिल किया गया। इस रूप में को तैयार करने का जिम्मा एक समिति को दिया गया है।
गठित समिति दोनों संस्थानों को मैच के जाने से पहले इनके रिसर्च एंड इन्नोवेशन, ई गवर्नेंस, क्षेत्रीय भाषा में पुस्तकों के अनुवाद, परीक्षा सुधार आदि मुद्दों पर विचार विमर्श करेगी। फिलहाल के नियम के मुताबिक की तकनीकी कॉलेज के इन कार्य की देखरेख एआईसीटीई द्वारा किया जा रहा है जबकि नॉनटेक्निकल बैकग्राउंड वाले विश्वविद्यालय और कॉलेजों के लिए यह काम यूजीसी द्वारा किया जा रहा है।
जानकारी की माने तो केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में HECI को स्थापित करने के लिए विधेयक ला सकती है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अनुसार हायर एजुकेशन की देखरेख के लिए एचईसीआई अकेला संसथान होगा। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन सहित यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन और नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन को सभी रेगुलेटरी बॉडीज के साथ कर दिया जाएगा। जिसके साथ ही हायर एजुकेशन काउंसिल ऑफ इंडिया का निर्माण किया जाएगा।
फिलहाल निरीक्षण के लिए जिस समिति का गठन किया गया। उसमें यूजीसी चीफ अध्यक्ष के साथ ही यूजीसी और एआईसीटीई के उपाध्यक्ष, यूजीसी सचिव और एआईसीटीई के सदस्य और सचिव को शामिल किया गया है। यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार और एआईसीटीई के अंतरिम अध्यक्ष का कहना है कि विस्तृत विचार-विमर्श के बाद यूजीसी और एआईसीटीई दोनों को एक जैसा काम करना चाहिए।
फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम, स्टूडेंट ऑफ फैकेल्टी इंडक्शन प्रोग्राम सहित डेवलपमेंट, इंटर्नशिप, अंतरराष्ट्रीयकरण, फिजिकल, ऑनलाइन और हाइब्रिड मोड में 2 डिग्री के साथ यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यू और अन्य मुद्दों पर भी दोनों संस्थानों को मिलकर काम करना चाहिए