नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। यूजीसी (UGC) ने एक नवीन तैयारी की है। जिसके तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) के अनुरूप संबंध कॉलेज को स्वायत्तता (autonomy to the college) प्रदान करने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए। यूजीसी कॉलेज और विश्वविद्यालय को बहू विषयक संस्थानों में बदलने के लिए दिशा निर्देश को अंतिम रूप दे दिया है और तीन अलग-अलग तरीके निर्धारित किए गए हैं। जिसमें संस्थानों के क्लस्टरिंग का काम भी शामिल है।
आज यूजीसी द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों में बहू विषयक संस्थानों को बदलने के लिए दिशानिर्देश सार्वजनिक किए जाने की उम्मीद है। इसका लाभ सभी शिक्षण संस्थानों को होगा। वही इसका उद्देश्य राज्य सरकारों विश्वविद्यालय को उपयुक्त नियम और नीति बनाने में मददगार साबित होना है।
ज्ञात हो कि नई शिक्षा नीति के तहत इसे उच्च शिक्षण संस्थानों में बहू विषयक संस्थानों को बढ़ावा देना है। इसके प्रमुख सिफारिश में शामिल किया गया था। यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार का कहना है कि स्वायत्त कॉलेज के नियम तैयार किए जा रहे हैं जो सम्बद्ध कॉलेज को स्वायत्तता प्रदान करने में सक्षम होंगे।
इसके तहत अधिक से अधिक कॉलेज को स्वायत्त बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा दिशा निर्देश को नई शिक्षा नीति के तहत तैयार किया जा रहा है। आयोग स्वायत्त के लिए आवेदन करने कॉलेजों के लिए एक प्रक्रिया को तैयार कर रहे हैं। इसके नियम प्रक्रिया में आने के बाद कई कॉलेजों को स्वायत्त घोषित किया जा सकेगा।
उच्च शिक्षण संस्थानों को वह विशेष संस्थानों में बदलने के लिए दिशा-निर्देश के अंतिम संस्करण को यदि आज सार्वजनिक किया जाता है। इसका लाभ लाखों संस्थानों को मिलेगा। वहीं संस्थान बहु विषयक विश्वविद्यालय दोहरी डिग्री सहित स्वायत्त डिग्री पुरस्कार देने वाले HEI में शामिल हो जाएंगे।
इसके तहत संस्थान अकादमी बैंक ऑफ क्रेडिट में पंजीकरण करने ऑनलाइन पाठ्यक्रम लागू करने और छात्रों को अन्य सीखने के रास्ते और नौकरी के विकल्प के बारे में सूचित करने के लिए छात्र प्रेरक कार्यक्रम चलाने के पात्र हो जाएंगे। वही 3000 से अधिक छात्रों वाले विश्वविद्यालय को बहू विषयक माना जाएगा।