क्या आपको भी Monday लगता है Monster day, जानिये कामकाजी सप्ताह के पहले दिन सोमवार की कहानी

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। रविवार (Sunday) दुनिया में शायद सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला दिन होगा। और संडे की सबसे खराब बात ये कि उसके बाद आता है Monday। मेरी एक दोस्त अक्सर कहती है कि Monday का नाम तो Monster day होना चाहिए। ये कामकाजी सप्ताह का पहला दिन होता है और यक़ीन मानिये..ज्यादातर लोगों का बस चले तो वो इस दिन को कैलेंडर से गायब कर दे।

लेकिन क्या आपने कभी मंडे के बारे में इससे ज्यादा जानने की कोशिश की है। आईये आज बात करते हैं इसी दिन के बारे में। अंग्रेजी शब्द Monday Anglo-Saxon शब्द Mōnandæg से बना है जिसका अर्थ होता है the moon’s day। Mōna को पहले अंग्रेजी में moon या चाँद कहा जाता था। Babylonian calendar के अनुसार सप्ताह के सात दिनों में ये दूसरा दिन है। संडे के बाद और ट्यूसडे से पहले आने वाला मंडे चाँद के नाम पर पड़ा है, संडे सूरज (Sun) के नाम पर और सप्ताह के अन्य पांच दिन पांच ग्रहों के नाम पर रखे गए हैं। प्राचीन रोमन देवी लूना (Ancient roman goddess Luna) को चाँद का स्वामी माना गया है।

हिंदू मान्यतानुसार सोमवार का नाम सोम से पड़ा है जिसका अर्थ भगवान शिव होता है। यह सप्ताह का दूसरा दिन और भारत सहित विश्व के कई देशों में सामान्य कामकाज का प्रथम दिन होता है। कामकाज का प्रथम दिन होने के कारण कई स्थानों पर इसे सप्ताह का प्रथम दिन भी कहा जाता है। कामकाज के अलावा इस दिन भगवान शिव में आस्था रखने वाले व्रत और उनकी पूजा अर्चना करते है। कहा जाता है कि सोमवार को भोलेनाथ की पूजा करने से उनकी कृपादृष्टि बनी रहती है। हमारे यहां श्रावण सोमवार, सोलह सोमवार, पांच सोमवार सहित आस्थानुसार कई व्रत रखे जाते हैं। ये भी कहा जाता है कि सोमवार को भगवान शिव की आराधना से कन्या को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। वेदों में भगवान शिव को निरंकार कहा गया है और कहा जाता है कि इनका कोई आदि है न अंत। इस तरह सोमवार का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि ये दिन शिवशंकर को समर्पित है। इस तरह भले ही हमारे यहां और विदेशों में सोमवार को लेकर अलग अलग मान्यताएं प्रचलित हों..लेकिन अधिकांश स्थानों पर ये वीक का पहला वर्किंग डे होता है। तो बजाय मंडे को कोसने के..इस दिन नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ अपने सप्ताह की शुरूआत करें और फिर देखिये कैसे ये दिन भी आपका फेवरेट बन जाएगा।

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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