भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाह अधिकारी कर्मचारी (negligent officer employee) पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। दरअसल लगातार कई अधिकारी कर्मचारियों को निलंबन (MP Suspend) की कार्रवाई से गुजरना पड़ा है। इसके अलावा 6 को नोटिस (Notice) जारी कर जवाब तलब किए जा रहे हैं। इसी बीच निवाड़ी में शासकीय योजना में घोटाले की खबर आने के बाद 8 सचिव सहित पंचायत इंस्पेक्टर पर बड़ी कार्रवाई की गई है।
दरअसल निवाड़ी जनपद में विवाह सहायता योजना घोटाले की शिकायत सामने आई थी। जिस पर कुछ प्रकरण की जांच कराई गई थी। वही एक मामला गलत पाया गया है। जिसको लेकर कलेक्टर तरुण भटनागर ने आठ सचिव सहित पंचायत इंस्पेक्टर पर बड़ी कार्रवाई की है। वही इन्हें निलंबित कर अपात्र लोगों को दिए गए। 43 लाख रुपए की राशि वसूलने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
इसके अलावा CEO आर जी अहिरवार के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए सागर संभाग के आयुक्त को प्रस्ताव भी तैयार कर भेजा गया है। बता दे कि मध्यप्रदेश शासन श्रम विभाग मंत्रालय के आदेश अनुसार जनपद पंचायत में 3 साल में 2222 मामले स्वीकार किए गए हैं। जिनमें से 10% की जांच कराने के लिए तत्कालीन कलेक्टर निवाड़ी को निर्देश दिए गए थे। हालांकि इसका पालन में अनुभवी अधिकारी राजस्व अनुभाग निवाड़ी राकेश कुमार मरकाम और अंकिता जैन द्वारा 10% मामले की जांच कराई गई थी जिसमें 85 प्रकरणों अपात्र थे।
वही अपात्र लोगों के आवेदन को स्वीकार कर उन्हें 43 लाख रुपए जारी कर दिए गए थे। जांच के बाद प्रतिवेदन पर आवश्यक कार्रवाई की गई और प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन श्रम विभाग वल्लभ भवन भोपाल को भेजा गया। निवाड़ी कलेक्टर तरुण भटनागर को संबंधित सीईओ जनपद पंचायत निवाड़ी और अन्य दोषी कर्मचारी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। अपात्र लोगों को जारी की गई राशि वसूल कर मंडल को वापस करने के लिए भी लिखा गया था। वहीं अब इस मामले में कलेक्टर तरुण भटनागर ने कठोर कार्रवाई की है और अपात्र पाए गए। प्रकरण से संबंधित सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
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जिन 9 पंचायत सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उसमें लखन लाल कुशवाहा, नरेश तिवारी, महेश पटेल, जनक सिंह सेंदरी, राजाराम कुशवाहा, आनंद नायक चुरारा, स्वामी प्रसाद अहिरवार, डालचंद चुरारा, सहित प्रभारी अधिकारी हरीश चंद्र रावत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा एक बड़ी कार्रवाई शुजालपुर जिले में की गई है। जहां पर डालने की अनुमति लेकर जड़ से काटने के मामले में सुजालपुर एसडीएम ने अवैध रूप से वृक्ष काटने के खिलाफ मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 253 का प्रयोग किया है। वहीं प्रकरण दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं सुजालपुर एसडीएम द्वारा एक पटवारी को निलंबित कर दिया गया है और एक नायब तहसीलदार को फिर से हटाकर कार्यालय अटैच किया गया है।
बता दें कि शुजालपुर अनुभाग के ग्राम रूपाखेड़ी में 20 फीट चौड़े पुराने परंपरागत रास्ते पर लगे 50 वर्ष से अधिक पुराने हरे-भरे वृक्ष को रास्ते में बाधा बताकर अधिकारियों से शाखा कटाई करने की अनुमति ली गई थी। लेकिन उसकी शाखाओं को हटाने की जगह जड़ से वृक्ष की कटाई कर दी गई है। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।
वहीं एक अन्य कार्रवाई छतरपुर जिले में की गई है। दरअसल कलेक्टर जिला निर्वाचन अधिकारी संदीप ने पंचायत आम निर्वाचन के मतदान कर्मियों के प्रथम प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने वाले 5 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। जिनमें से 3 कर्मचारी द्वारा दिए गए नोटिस का जवाब नहीं दिया गया। 2 कर्मचारी द्वारा नोटिस का समाधान उत्तर नहीं दिए जाने के कारण यह कार्रवाई की गई है।
एक अन्य कार्रवाई जबलपुर जिले में की गई है। जहां नगर निगम के आयुक्त की हिदायत के बाद भी भवन शाखा के कामकाज में सुधार नहीं आ रहा है। ऐसे मामले में Employees-officers द्वारा की जा रही लापरवाही की शिकायत मिलने के बाद निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने 3 सहायक यंत्री सहित एक उपयंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। वहीं 3 दिन के भीतर जवाब तलब किए गए हैं। 3 दिन के भीतर संतोषजनक जवाब ना देने के कारण उन पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।