भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। दरअसल भिंड (Bhind) जिले में बड़ी कार्रवाई की गई है। जहां रौन ब्लॉक के गोरई में शासकीय प्राथमिक विद्यालय में टेबल पर पैर रखकर सोते हुए शिक्षिका के पति का वीडियो वायरल (Video viral) हुआ था। जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने महिला शिक्षक को निलंबित (Suspend) कर दिया है।
वहीं इस मामले में विरोध न करने पर स्कूल में पदस्थ दोनों शिक्षकों के 7- 7 दिन के वेतन काटने के निर्देश दिए हैं। शिक्षिका पुष्पा देवी के पति टेबल पर पैर रखकर सोते हुए वीडियो में दिखाई दे रहे थे जबकि अन्य 2 शिक्षक भी वहां बैठे दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में एक तरफ जहां शिक्षिका पुष्पा देवी को निलंबित किया गया। वहीं अन्य शिक्षकों के वेतन काटने के निर्देश जारी किए गए।
एक अन्य कार्रवाई ग्वालियर जिले में की गई है। हाईवे के अंदर आने वाले भारी वाहनों में अवैध वसूली थमने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले में एसएसपी अमित सांघी को अवैध वसूली की शिकायत मिली। उन्होंने ग्वालियर सीएसपी प्रमोद शाक्य को वस्त्र पर भेजा था। सीएसपी ने दो सिपाहियों को एंट्री पर वसूली करते हुए रंगे हाथ दबोचा गया। जिसके साथ ही उन दोनों सिपाहियों को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं।
इधर एक बड़ी कार्रवाई जबलपुर जिले में की गई है। न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में बीते दिनों की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 12 अस्पतालों के पंजीयन को निरस्त कर दिया है। वही सीएम शिवराज की सख्ती के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भी पद से हटाया गया है। निजी स्कूल में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश तो लिया गया लेकिन बच्चों को पढ़ाने से इनकार किया जा रहा है।
कुछ स्कूलों ने बच्चों को कक्षा में प्रवेश देने से मना किया है। जिसके बाद राज्य शिक्षा केंद्र ने कई जिलों में मिल रही ऐसी शिकायतों पर सख्ती अपनाई है। इसके साथ ही राज्य शिक्षा केंद्र ने इन स्कूलों के खिलाफ पहले चरण में कारण बताओ नोटिस जारी कर बच्चों को पढ़ाने के निर्देश दिए हैं। बावजूद इसके कई स्कूलों की मनमानी जारी है। जिस पर अब शिक्षा विभाग बड़ी कार्रवाई के मूड में है।
इधर एक अन्य कार्रवाई बालाघाट जिले में की गई है। जहां पंचायत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक करते हुए कलेक्ट्रेट डॉक्टर गिरीश मिश्रा ने नाराजगी जताई है। इसके साथ ही उन्होंने 9 समग्र सुरक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इतना ही नहीं शौचालय निर्माण की प्रगति संतोषजनक नहीं होने पर कलेक्टर ने सभी बीसी और पंचायत समन्वयक के वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं।