भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में शिवराज कैबिनेट की बैठक (Shivraj Cabinet Meeting) आयोजित की जाएगी। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले (proposal) पर मुहर लग सकती है। इसके अलावा नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (National Forensic University) को खोले जाने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। आज होने वाले इस महत्वपूर्ण बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी विचार किया जाएगा। जिसमें राज्यपाल के निजी स्थापना में OSD पद पर गुजरात सरकार के उप सचिव के पद से सेवानिवृत अरविंद लाभ शंकर पुरोहित को संविदा नियुक्ति दिए जाने के संबंध में चर्चा की जा सकती है।
इसके अलावा उद्योग संवर्धन नीति 2014 के अंतर्गत जारी निवेश प्रोत्साहन सहायता राशि की अवधि में भी बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है। इतना ही नहीं राज्य बीज निगम लिमिटेड के द्वारा कोल ब्लॉक के विकास के लिए गठित संयुक्त क्षेत्र की कंपनियों को कोल ब्लॉक आवंटन के लिए भी लिक्विडेशन पर बड़ा बाजार किया जा सकता है।
इसके अलावा कुंडू ट्रांसपोर्ट समिति की अनुशंसा के क्रियान्वयन के लिए राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन किए जाने हैं, जिसको लेकर भी प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा। भोपाल में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के लिए ग्राम बरखेड़ा बोंडर में 15 एकड़ सरकारी जमीन मुफ्त में देने की तैयारी की जा रही है। जिसके लिए बाजार मूल्य 31 करोड़ आंके गए हैं। बता दें कि इसके लिए मंगलवार को होने वाली कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी UGC से मान्यता प्राप्त केंद्रीय विद्यालय है। जिसे राष्ट्रीय मूल्यांकन और सत्यापन परिषद (NAAC) से मान्यता मिल चुकी है।
इससे पहले भोपाल दौरे पर आए गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी खोले जाने का ऐलान किया था। वही यूनिवर्सिटी में फॉरेंसिक साइंस, मेडिकोलीगल, बिहेवियर साइंस, साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल फॉरेंसिक सहित फार्मेसी मैनेजमेंट लो फॉरेंसिक के अंडर ग्रैजुएट डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जा सकेंगे।
साथ ही स्वेच्छानुदान की राशि को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। बता दें कि पिछले साल की तुलना में 200 करोड़ प्रति वर्ष होने की संभावना जताई गई। 2020-21 में 110 करोड़ स्वेच्छा अनुदान की राशि तय किए जाने के बाद अनुपूरक बजट के माध्यम से 16 करोड 80 लाख का अतिरिक्त प्रावधान किया गया था।
वही इस राशि का वितरण विधायक कलेक्टर सहित अन्य माध्यमों से सीएम हाउस प्रकरण भेजे जाते हैं और प्राथमिकता के आधार पर राशि स्वीकृत की जाती है। बता दें कि इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग से प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने भी सहमति दे दी है। जिसके बाद इसे अंतिम निर्णय के लिए कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।
साथ ही विधायकों के शिक्षा अनुदान में भी इजाफा देखने को मिल सकता है। संभावना जताई जा रही है कि विधायक निधि में इस बार 35 लाख रुपए की वृद्धि देखने को मिलेगी। बता दे अभी यह 1500000 रुपए प्रति वर्ष है।