भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मप्र कॉलेज (MP College) छात्रों के लिए बड़ी खबर है, दरअसल प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों के सभी संकायों (Faculties) के 17 मुख्य विषयों का ई-कंटेंट (E-content) तैयार किया जा रहा है। मामले में उच्च शिक्षा मंत्री (Higher Education Minister) डॉ. मोहन यादव (Mohan yadav) ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (national education policy) में प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों के लिए प्रथम चरण में सभी संकायों के 17 मुख्य विषयों का ई-कंटेंट तैयार किया जा रहा है।
मंत्री मोहन यादव ने बताया कि 10 नवंबर तक एक हजार से अधिक ई-कंटेंट मॉडल (e-content model) तैयार किए जाने की कार्य-योजना है। प्रथम वर्ष के लिए लगभग 1500 मॉड्यूल्स के ई-कंटेंट तैयार करने का लक्ष्य है। द्वितीय चरण में कुछ अन्य विषयों पर भी कंटेंट तैयार किए जाएंगे। डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आधार पर MP College में ई-कंटेंट उपलब्ध कराने वाला मध्यप्रदेश संभवत देश का पहला राज्य होगा।
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उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को कोर्स की किताबों के अलावा पढ़ाई के लिए ई-मटेरियल भी उपलब्ध होगा। ऑनलाइन माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके संपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। डॉ. यादव ने कहा कि तैयार किए जा रहे कंटेंट विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियम अनुसार वीडियो व्याख्यान, ई-टेक्स्ट, मूल्यांकन के प्रश्न तथा अन्य विषय-वस्तु के संदर्भ उपलब्ध होंगे।
17 विषयों पर तैयार हो रहा ई-कंटेंट
विभिन्न चयनित शिक्षकों को 17 विषयों वनस्पति शास्त्र, प्राणी शास्त्र, रसायन शास्त्र, भौतिक शास्त्र, गणित, संस्कृत, अंग्रेजी साहित्य, आधार पाठ्यक्रम, राजनीति विज्ञान, भूगोल, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, इतिहास, भू-गर्भ शास्त्र, हिंदी, वाणिज्य, टेक्सटाइल तथा क्लॉथिंग पाठ्यक्रमों का मॉड्यूल वार विभाजन कर कंटेंट तैयार करने का कार्य सौंपा गया है। शेष विषयों में शिक्षकों की संख्या कम होने के कारण पुनः आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। इसके अलावा मुख्य तथा अन्य विषयों के साथ वैकल्पिक विषयों पर भी ई-कंटेंट तैयार किया जा रहा है। व्यवसायिक विषयों के पाठ्यक्रम उपलब्ध होने पर उनके भी ई-कंटेंट तैयार किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की शासकीय, अशासकीय विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों के नियमित शिक्षकों, अतिथि विद्वानों द्वारा यह कार्य नि:शुल्क किया जा रहा है। इस कार्य के लिए लगभग 1400 शिक्षकों से आवेदन प्राप्त हुए। इन शिक्षकों के लिए सात बैंचों में 6 दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसमें कुल 1056 शिक्षकों को सफलतापूर्वक एफडीपी पूर्ण करने पर प्रमाण-पत्र जारी किया गया।