भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के कॉलेज (MP College) छात्रों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल प्रदेश में छात्र अगले सत्र से मेडिकल (Medical) की पढ़ाई हिंदी माध्यमिक कर सकेंगे। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। दरअसल MBBS शिक्षा पाठ्यक्रम कि किताबों को हिंदी भाषा में तैयार किया जा रहा है। वही हिंदी भाषा में तैयार करने की जिम्मेदारी अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय (Atal Bihari Vajpayee Hindi University) को सौंपी गई है।
वहीं शासन द्वारा MBBS चिकित्सा पाठ्यक्रम की किताबों को हिंदी भाषा में तैयार करने की जिम्मेदारी हिंदी विश्वविद्यालय को सौंप कर उन्हें नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही एमबीबीएस चिकित्सा पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष का कोर्स तैयार करेगा। वहीं इस मामले में विश्वविद्यालय विनिमायक की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एमबीबीएस यूनानी और होम्योपैथी सहित अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिंदी में अनुवाद किया जाएगा। इसके लिए सभी विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा।
यह प्रक्रिया राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पूरी की जा रही है इसके लिए सबसे पहली जिम्मेदारी अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय को सौंपी गई है। मामले में हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति खेम सिंह डहेरिया का कहना है कि हिंदी विश्वविद्यालय में पहले चरण में 1 साल की तीन किताब तैयार की जाएगी। डेढ़ या दो साल में MBBS के पाठ्यक्रम को तैयार कर लिया जाएगा। इसके अलावा छह से 7 महीने में अनुवाद का काम पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद फिर अगले साल की किताबे तैयार की जाएगी।
वही बैठक में नोडल एजेंसी हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति खेम सिंह डहेरिया, विनिमय आयोग के अध्यक्ष भारत शरण सिंह, शिवेंद्र मिश्रा, सुरेश चंद्र अवस्थी, उमेश शुक्ला सहित अन्य शिक्षाविद शामिल हुए। वहीं हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति का कहना है कि जल्द ही पहले साल की किताब तैयार की जाएगी। वहीं अगले सत्र से विद्यार्थी हिंदी माध्यम में मेडिकल की पढ़ाई कर सकेंगे।