भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग (MP Higher Education Department) ने छात्रों (MP College Student) के हित में एक और बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत उच्च शिक्षा विभाग शासकीय अग्रणी महाविद्यालयों को आदर्श महाविद्यालय बनाने की तैयारी में है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विभाग द्वारा 12वीं में अध्ययनरत स्कूली बच्चों (MP School Student) की मेपिंग की जायेगी। इससे यह स्पष्ट जानकारी उपलब्ध होगी कि 12वीं के बाद कितने बच्चे कॉलेज में प्रवेश ले रहे हैं और कितनी संख्या में स्कूल ड्रापआउट हैं।
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वही मंत्री डॉ. यादव (Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि प्रदेश के सभी 52 शासकीय अग्रणी महाविद्यालयों को आदर्श महाविद्यालय के रूप में विकसित किए जाने का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (national education policy) के परिप्रेक्ष्य में बहु-विषयक एवं व्यावसायिक शिक्षा, इंटर्नशिप और शोध आदि के व्यापक दृष्टिकोण के साथ विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिये यह निर्णय लिया गया है। सभी क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक एवं अग्रणी प्राचार्यों के सुझावों के आधार पर सभी को-एड महाविद्यालयों को आदर्श महाविद्यालय (MP College 2021) में विकसित किया जायेगा।
इसमें व्यावसायिक शिक्षा के लिये स्किल लैब, वर्चुअल कक्षाओं का सीधा प्रसारण जिले के अन्य महाविद्यालयों से संबद्ध हो, ऐसी व्यवस्था होगी। आदर्श महाविद्यालय में स्मार्ट क्लास-रूम के माध्यम से अध्यापन व्यवस्था, e-library, 100 प्रतिशत वाईफाई केम्पस, सोलर संयंत्र युक्त ग्रीन केम्पस, CCTV युक्त परिसर आदि की भी व्यवस्था होगी। इन महाविद्यालयों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाएँ, पुस्तकालयों में पर्याप्त आधुनिक संसाधन एवं अध्ययन कक्ष में कम से कम 12 से 14 घंटे की अध्ययन व्यवस्था रहेगी। इसके अतिरिक्त इनमें उन्नत भाषा प्रयोगशाला (लेंग्वेज लेब) की भी व्यवस्था होगी।
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उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि आदर्श महाविद्यालयों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (National Education Policy-2020) के परिप्रेक्ष्य में जिलेवार विशेषताओं के आधार पर व्यावसायिक शिक्षा के लिये प्रशिक्षण केन्द्र विकसित करना भी है। उन्होंने शिक्षा नीति का संस्थाओं में क्रियान्वयन एवं पाठ्य-सामग्री तैयार करने के संबंध में कहा कि 2nd एवं 3rd वर्ष के पाठ्यक्रमों के लिये प्राचीन ज्ञान परम्परा से संबंधित पुस्तकें मंगवाई जाएँ। साथ ही विशेषज्ञों से चर्चा कर ई-कंटेंट (e-content) तैयार करने की कार्यवाही करें। इसके लिये अन्य राज्यों से भी विशेषज्ञों की मदद लें।
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय में हिन्दी में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग विषयों के पाठ्यक्रमों को तैयार करने के लिये निजी विश्वविद्यालयों का सहयोग लें।वही प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने बताया कि विभाग में संकट के दौरान हुई मृत्यु के 35 प्रकरणों में से 33 प्रकरणों का निपटारा कर अनुकम्पा नियुक्ति (Compassionate appointment) दी गई है। इसके अतिरिक्त 5 अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थानों के प्रकरणों पर भी अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है। यद्यपि इन पदों को डाइंग कैडर माना गया है, परंतु विशेष प्रकरण के तहत कोविड से मृत हुए कर्मचारियों (MP Employees) के परिजन को नियुक्ति दिये जाने का निर्णय लिया गया है।