भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में बिजली इंजीनियरों (MP Electricity Employees) के वेतन रोके जाने पर उन्होंने हड़ताल का फैसला कर दिया है। राजधानी भोपाल सहित ग्वालियर और नर्मदापुरम संभाग में बिजली इंजीनियर ने बुधवार सुबह से ही काम बंद कर दिया है। निजी क्षेत्र कंपनी अंतर्गत अधिकारी और कर्मचारी की वेतन रोकने (salary withheld) के संबंध में फोरम ने पत्र के माध्यम से अपना विरोध भी प्रदर्शित किया है। दरअसल वेतन रोकने से नाराज इंजीनियरों ने मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम के बैनर तले 3 अगस्त से वेतन जारी होने तक अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का ऐलान किया गया है। बता दे कि काम बंद करने वाले इंजीनियरों की संख्या लगभग 1000 से अधिक है।
दरअसल बिजली इंजीनियरों को जुलाई महीने का वेतन अगस्त की 1 तारीख से लेकर अब तक नहीं मिलने से उनमें नाराजगी देखी जा रही है। इंजीनियरों द्वारा 3 दिन पहले ही काम को बंद करने की चेतावनी दी गई थी लेकिन बिजली कंपनी द्वारा गंभीरता नहीं दिखाई गई। जिसके बाद उन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला कर लिया है।
मामले में कर्मचारियों का कहना है की निरंतर मैदानी क्षेत्रों से बिजली कर्मियों एवं संसाधनों की कमी की मांग उठती है किंतु भोपाल के बड़े कार्यालय तक वह आवाज नहीं पहुंच पाती और सब कुछ जानते हुए भी कमी को बड़े कार्यालयों के द्वारा नजरअंदाज किया जाता है। जैसे तैसे अधिकारी एवं कर्मचारी विद्युत व्यवस्था को सुचारू बनाए हुए हैं ,ऐसी विपरीत परिस्थिति में अधिकारी एवं कर्मचारियों का वेतन रोकना एक तानाशाही पूर्ण कार्यप्रणाली को प्रदर्शित करता है।
कर्मचारियों के हड़ताल के बाद आम उपभोक्ता को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बता दे कि जितने भी इंजीनियर ने काम बंद किया है। वह सब मैदानी स्तर पर बिजली आपूर्ति से जुड़े हुए हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं की परेशानी निश्चित ही राज्य शासन के लिए गंभीर मसला हो सकता है। मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी के भोपाल, सीहोर, विदिशा, राजगढ़, रायसेन, नर्मदापुरम, बेतूल, हरदा, ग्वालियर, भिंड आदि के संभागीय इंजीनियरों से लेकर जूनियर इंजीनियर ने काम नहीं करने का फैसला किया है। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें जल्द से जल्द वेतन का भुगतान किया जाए।
मामले में यूनाइटेड फोरम के संयोजक वीके परिहार का कहना है क्यों भक्तों के मीटर की मैपिंग संबंधित ट्रांसफार्मर पोल और लाइन से करने के लिए कहा गया था। जिसे इंडेक्सिंग का नाम दिया गया था। हालांकि इसमें कई तकनीकी खामियां देखने को मिली थी। जिसमें मैदानी अभियंता और कर्मचारियों का कोई दोष नहीं है। यह खामियां बिजली कंपनी की ओर से की गई थी। बावजूद इसके कर्मचारियों के वेतन को रोक दिया गया है जो कि उचित नहीं है। अब जब तक वेतन भुगतान नहीं किया जाता, तब तक मोबाइल बंद कर्मचारी हड़ताल का समर्थन करेंगे।
जिसके विरोध में मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम के द्वारा मध्य क्षेत्र कंपनी अंतर्गत सहायक प्रबंधक एवं उनके ऊपर के समस्त अधिकारियों से दिनांक 3 अगस्त से वेतन जारी होने तक अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की मांग की गई है। इस दौरान भोपाल रीजन के समस्त इंजीनियर कल कंपनी मुख्यालय भोपाल एवं ग्वालियर रीजन अंतर्गत समस्त अधिकारी ग्वालियर रीजनल कार्यालय के बाहर उपस्थित भी रहेंगे। वही समस्त इंजीनियर अपना मोबाइल बंद रखे हुए हैं। यह कार्य बहिष्कार 3 अगस्त से जब तक वेतन जारी नहीं होता तब तक निरंतर जारी रहेगा।