MP News : लापरवाही पर बड़ा एक्शन, BLO-रोजगार सहायक सहित 9 निलंबित, 1 बर्खास्त, 25 को नोटिस जारी

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाही पर एक्शन (action on negligence) का सिलसिला जारी है। दरअसल विभिन्न जिलों में कई अधिकारियों को शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर नोटिस (notice) और निलंबन (Suspend) की कार्रवाई की गई है।  दरअसल पहला मामला सतना से सामने आया है। जहां पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) के दूसरे चरण के मतदान में मतदाताओं से गाली गलौज और अभद्रता करने के आरोप में बीएलओ को निलंबित कर दिया गया है।

प्राथमिक शिक्षक रवि लाल की ड्यूटी शासकीय प्राथमिक शाला झाबुआ के मतदान केंद्र 280 पर लगाई गई थी। रवि लाल साकेत को पीठासीन अधिकारी से मतदान की जानकारी प्राप्त कर रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में मतदान प्रतिशत की जानकारी देने का दायित्व सौंपा गया था। लेकिन बीएलओ नशे की हालत में थे। जिसके बाद जारी आदेश में रिटर्निंग आफिसर ने कहा कि रवि लाल साकेत नशे में थे और मतदाताओं से गाली गलौज और अभद्रता कर रहें थे। जिसका वीडियो वायरल हुआ था। उसके बाद उन पर यह कार्रवाई की गई है।

वहीं एक अन्य कार्यवाही राजधानी भोपाल में की गई है। जहां भोज मुक्त विश्वविद्यालय में 20 साल से पदस्थ और 217 से निलंबित पूर्व डायरेक्टर प्रवीण जैन को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। दरअसल समिति द्वारा रिपोर्ट तैयार की गई। वही समिति ने उन पर लगे आरोप को सत्य पाया है। बता दें कि डॉक्टर जैन पर गलत तरीके से नियुक्ति करनी और वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे थे।

जिसके बाद 2017 में निलंबित किया गया था। निलंबन के बाद उन पर जांच कार्रवाई की गई। 28 बिंदुओं की शिकायत के बाद हुई कार्रवाई में 38 लाख रुपए का उपयोग कैंपस में सड़क बनवाने में खर्च करने और संविदा कर्मचारियों को गलत तरीके से नियमित करने के आरोप के कारण उन पर निलंबन की कार्रवाई हुई थी। वहीं अब जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद उन पर लगे आरोप सही पाए गए। जिसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

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वहीं एक अन्य कार्रवाई जबलपुर जिले में की गई है। जहां सदर स्थित नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 सुधा सिंह शाह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा पहले से ही बिना पूर्व अनुमति लिए अवकाश लिया गया था। इसके अलावा सहायक ग्रेड 3 न केवल मुख्यालय छोड़कर गए बल्कि कटनी जिले में खेड़ा विकास में अपनी छोटी बहन के पक्ष में खुले आम चुनाव प्रचार में संलिप्त पाई गई थी। जिसके बाद उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।

एक अन्य कार्रवाई खरगोन जिले में की गई है। जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर झिरन्या विकासखंड में माध्यमिक विद्यालय के हेडमास्टर शराब के नशे में धुत होकर स्कूल में खटिया लगाकर आराम फरमा रहे थे। ग्रामीणों ने पूरी घटना की सूचना विभागीय अधिकारी को दी। माध्यमिक स्कूल के प्रभारी प्राचार्य संतोष भालेकर नशे के रूप में स्कूल पहुंचते हैं। वही जिला परियोजना समन्वयक के के डोंगरी रनिया के बीआरसी महेश दीक्षित को दल के साथ मौके पर भेजा।

बीआरसी और टीम ने शिकायत को सही पाया। जिसके बाद प्रभारी प्राचार्य को नशे की दूध में पकड़े जाने के बाद टीम ने मौके पर पंचनामा सहित विवरण डीपीसी डोंगरी को पहुंचाया। वहीं डोंगरे ने मूल आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त को निलंबन की कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा। प्रस्ताव सामने आने के बाद सहायक आयुक्त नीलेश रघुवंशी ने तत्काल प्रभाव से संबंधित शिक्षक भालेकर को निलंबित कर दिया है।

वहीं एक अन्य कार्रवाई राजगढ़ जिले में की गई है। जहां जीरापुर ब्लाक के गांव गागोरनी में सरकारी प्राथमिक स्कूल के सेवारत प्राथमिक शिक्षक जगदीश राव को चुनाव प्रचार करने के बाद निलंबित कर दिया गया। कलेक्टर हर्ष दीक्षित द्वारा यह कार्रवाई की गई है। इससे पहले गुरुवार को 3 रोजगार सहायकों की सेवा समाप्त की गई थी। यह तीनों रोजगार सहायक कमल सिंह पटेल , दुर्गेश पारीक और शिवपाल दांगी गैरहाजिर लेकर प्रचार में संलिप्त थे।

वहीं एक अन्य कार्रवाई बिना जिले में की गई है। जहां वर्षा के मौसम शुरू होने के बाद नगर पालिका ने शहर के जन-जन मकानों का सर्वे कराया है। वहीं वार्ड प्रभारियों द्वारा 22 मकान को जंजीर घोषित किया गया है और इन्हें नोटिस जारी कर वर्षा से पहले मरम्मत कराने के आदेश दिए गए हैं लेकिन ऐसे मकानों को अभी तक मरम्मत नहीं किया गया। जिसके बाद नगरपालिका ने इन मकानों के बाहर बैनर लगा दिया। वही बैनर में चेतावनी जारी की गई है कि यदि बारिश के मौसम में मकान रहता है तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी मकान मालिक की होगी।

एक अन्य कार्रवाई गुना जिले में की गई है। जहां जामनेर के मुख्य बाजार की सड़कों को दो 2 मीटर तक अतिक्रमण धारियों द्वारा कब्जा कर मकान और दुकान का निर्माण कर लिया गया है। जिसके बाद एसडीएम से लेकर तहसीलदार और पटवारी ने नापाक के बाद नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे।

बावजूद इसके 3 से 4 मीटर तक सड़क सिक्योरिटी जा रही है। जिस पर एसडीएम ने सभी व्यापारियों दुकानदारों को नोटिस जारी कर दिया गया। वहीं SDM का कहना है कि पंचायतों नगरी निकाय चुनाव के बाद इस पर भी गंभीर कार्रवाई की जाएगी।

वहीं एक अन्य कार्रवाई राजधानी भोपाल में देखने को मिली। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत पहले बच्चे को प्रवेश दिया गया। वहीं अब 2 साल तक पढ़ाई कराने के बाद निजी स्कूल द्वारा समग्र अपडेट का बहाना करके बच्चे को स्कूल से निकाल दिया गया है। इस मामले में राज्य शिक्षा केंद्र ने ऐसे स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से कहा गया है कि इस तरह की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


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