भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाही और भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी (Corrupt employees-officers) पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। आए दिन अधिकारी कर्मचारियों पर निलंबन (suspension) की कार्रवाई करने के साथ ही नोटिस (notice) जारी किया जा रहा है। इसी बीच एक बड़ी कार्रवाई हरदा जिले में की गई है। जहां जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लिपिक को लोक शिक्षण संयुक्त संचालक द्वारा निलंबित (suspend) कर दिया गया है। दरअसल यह कार्रवाई जानकारी छुपाने के मामले में की गई है।
हरदा जिले में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लिपिक देवेंद्र ठाकुर वर्ष 2016 से किसी पारिवारिक विवाद के मामले में 2016 में विचाराधीन बंदी के रूप में जेल में थे। 1 महीने जेल में बिताने के बाद 21 सितंबर को वह रिहा हुए थे। इस अवधि में उन्होंने माध्यमिक स्कूल के प्राचार्य एसके जायसवाल से अवकाश स्वीकृत करवाई। जिस पर उन्होंने EL पर जाना बताया था। वही 7 महीने तक लिपिक देवेंद्र ठाकुर द्वारा इस जानकारी को दबाकर रखा गया। इस मामले में उनका साथ तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी डीएस रघुवंशी ने भी दिया था।
MP के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर, मिलेगा बड़ा लाभ, आदेश जारी
जैसे मामलों का खुलासा होने पर लोक शिक्षण सहायक संचालक अरविंद सिंह द्वारा उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। इस दौरान अरविंद सिंह ने बताया कि यह कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत कदाचार की श्रेणी में आता है। जिस कारण से उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई है साथ ही निलंबन की अवधि में उन्हें टिमरनी बीईओ ऑफिस में अटैच किया गया है।
वहीं एक अन्य कार्रवाई नरसिंहपुर जिले में की गई है। जहां सोमवार को कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में कलेक्टर द्वारा सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा की गई। इस दौरान इस शिकायत की संतुष्टि के साथ निराकृत करने के निर्देश दिए गए। साथ ही कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस दौरान गोटेगांव वर्षा झारिया द्वारा आवेदन पर सीईओ द्वारा संतोषजनक कार्रवाई नहीं करने पर उनके 11 दिन का वेतन काटने के निर्देश जिला पंचायत को दिए गए हैं। र्सरी बनाने के आग्रह पर प्रस्ताव भेजने में लगातार हो रही देरी के मामले में अब जिला परियोजना समन्वयक, ग्रामीण आजीविका मिशन को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।
इसके अलावा एक अन्य कार्रवाई राजगढ़ जिले में की गई है। जहां सफाई सर्वेक्षण के तहत सफाई व्यवस्था पर नजर बनाए रखने में कमियां पाई गई है। जिसके बाद जावरा नगर पालिका में 9 कर्मचारियों को ड्यूटी पर उपस्थित नहीं होने के कारण कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा सफाई कार्य में लापरवाही बरतने पर नगर पालिका के सफाई कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया। साथ ही एक कर्मचारी पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।
Read More : MP News : सभी जिला कलेक्टरों को CM Shivraj के निर्देश, करें ये काम, आमजन को मिलेगा लाभ
जानकारी के मुताबिक नगर पालिका व नगर परिषद ने स्वच्छ सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है। शहर में नगरपालिका की टीम द्वारा सफाई पर फोकस किया जा रहा है। इसके तहत अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान सफाई कार्य में लगातार लापरवाही देखने को मिल रही है। जिसके बाद नोटिस जारी कर जवाब की उम्मीद की जा रही है। वही जवाब अगर संतोषजनक नहीं हुए तो आगे की कार्रवाई इन अधिकारियों पर भी की जा सकती है। बता दें कि नोटिस जारी किए गए कर्मचारी लगातार ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए जा रहे थे। जिसके बाद उन पर यह कार्रवाई की गई है। वहीं सफाई कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को बर्खास्त करने के भी निर्देश दिए गए।
इसके अलावा एक अन्य करवाई सिंगरौली जिले में की गई है। जहां पुलिस विभाग के कई जिलों की गड़बड़ी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। वही इस खुलासे के बाद सिंगरौली एसपी वीरेंद्र कुमार सिंह ने रक्षित निरीक्षक आशीष तिवारी पर बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक अमानत खयानत के मामले में सिंगरौली एसपी ने बड़ी कार्रवाई की है। जहां रक्षित निरीक्षक को निलंबित करने की कार्रवाई की गई है। इस मामले में एडीजी रीवा के निर्देश का पालन किया गया है। सिंगरौली निवासी शिकायतकर्ता नीरज कुमार सिंह द्वारा रक्षित निरीक्षक आशीष तिवारी के खिलाफ शासकीय धन राशि के गबन की शिकायत की गई थी। वहीं जांच के आदेश दिए गए थे। जब जांच के बाद इस मामले में तथ्यों को सही पाया गया। रक्षित निरीक्षक द्वारा विभिन्न मदों में स्वास्थ्य की धनराशि के फर्जी तरीके से बिल तैयार कर करीब 10 लाख से अधिक रुपए का फर्जीवाड़ा किया गया। जिसके बाद रक्षित निरीक्षक आशीष तिवारी पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।