भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बीते दिनों लखनऊ (lucknow) में एक तरफ जहां ट्रांसजेंडर पुलिस सहायता केंद्र (Transgender Police Help Center) खोले जाने की खबर सामने आई थी। वही अब मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) नई तैयारी में है। दरअसल थर्ड जेंडर व्यक्तियों (transgender persons) के हित और अधिकारियों को संरक्षण करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार (Shivraj government) अपने विभिन्न योजनाओं में संशोधन करेगी। इसके लिए योजनाओं की समीक्षा भी की जाएगी। सरकार द्वारा उभयलिंगी व्यक्तियों के (अधिकार का संरक्षण) अधिनियम 2019 के नियम जारी कर दिए गए हैं। जिसमें कई नए प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा राज्य उभयलिंगी कल्याण बोर्ड का भी गठन किया जाएगा।
बता दे थर्ड जेंडर व्यक्तियों के हितों का संरक्षण करने और उन्हें बराबर का अधिकार दिलाने की सरकार के 4 साल से योजनाओं की समीक्षा और कार्यशैली तैयार कर रही है। वर्ष 2019 में उनके हितों की रक्षा के लिए अधिनियम तैयार किया गया था। जिसके नियम जारी करते हुए सरकार ने कहा है कि सभी शैक्षणिक संस्थान सहित सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य योजना कल्याण के उपाय और हितग्राही मूलक योजनाओं में संशोधन किया जाएगा। साथ ही व्यावसायिक प्रशिक्षण, स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है।
मध्यप्रदेश में थर्ड जेंडर को भेदभाव रहित शिक्षण के अलावा स्वरोजगार और सामाजिक और सार्वजनिक स्थानों पर उन्हें महत्व दिलाने का प्रयास शिवराज सरकार करेगी। 2 साल के लिए पुनर्वास केंद्र और ऐसी ही अन्य योजनाओं को विकसित करने की भी तैयारी शुरू कर दी गई है। इतना ही नहीं थर्ड जेंडर के अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।
इसके अलावा थर्ड जेंडर के हितों की रक्षा के लिए सामाजिक न्याय और निशक्तजन मंत्री की अध्यक्षता में राज्य उभयलिंगी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा। जिसमें विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव के अलावा सदस्य सचिव शामिल रहेंगे। वहीं अन्य विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव सदस्य की भूमिका में रहेंगे। इसके अलावा बोर्ड के गठन में समुदाय के 5 प्रतिनिधि के अलावा 2 समाजसेवी को भी शामिल किए जाने की तैयारी की जा रही है।
जिला स्तरीय बोर्ड कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित किया जाएगा। साथ ही थर्ड जेंडर व्यक्तियों के परिचय पत्र भी तैयार किए जाएंगे। इसके लिए थर्ड जेंडर व्यक्तियों को राजस्व अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार को आवेदन देना होगा। जिसके बाद जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पहचान पत्र जारी किए जाएंगे।