भोपाल, डेस्क रिपोर्ट करीबन डेढ़ साल तक की स्कूलों (MP School) को बंद रखने के बाद मध्यप्रदेश में बच्चों की स्कूल को (school reopen) खोल दिया गया है। 1 से 5वीं तक के स्कूल को खोलने पर बनी सहमति के बाद अब इस मामले में NCPCR ने नाराजगी जाहिर की है। दरअसल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस मामले में पत्र लिखकर प्रमुख शिक्षा सचिव (principal education secretary) से जवाब मांगा है।
दरअसल अपने लिखे पत्र में NCPCR ने बिना वैक्सीनेशन (vaccination) के खुले स्कूलों पर संज्ञान लिया है। साथ ही इस मामले में शिकायत मिलने की बात कही है। NCPCR ने स्कूल को फिर से खोलने की गाइडलाइन (guideline) जारी की है। राज्य सरकार ने 20 सितंबर से MP School कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों को 50% उपस्थिति के साथ फिर से खोलने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chouhan) की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था।
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प्राथमिक कक्षाओं को खोलने के लिए स्कूलों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा गया है। सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन ठीक से किया जाना चाहिए। स्कूल शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा था कि अगर कोई माता-पिता बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं, तो प्रशासन को ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखनी चाहिए।
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा था कि कक्षा 8, 10 और 12 के छात्रावास और बोर्डिंग स्कूल भी 100% क्षमता के साथ फिर से खोले जाएंगे, जबकि कक्षा 11 को 50% क्षमता के साथ फिर से खोला जाएगा। स्कूल के सभी स्टाफ सदस्यों को कोरोना के टीके लगवाने के लिए कहा गया है। मंत्री ने कहा, कोरोना मामलों की स्थिति की समीक्षा के बाद निर्णय लिया गया। पिछले डेढ़ महीने से पॉजिटिव केस घटकर 0.1% हो गए हैं।