भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के छात्रों (MP School Students) के लिए महत्वपूर्ण सूचना है। राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा सभी जिला के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा गया है। जिसमें परीक्षा के आयोजन से संबंधित दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर कक्षा पांचवी प्राथमिक और आठवीं पूर्व प्राथमिक वार्षिक परीक्षा सत्र 2022 -23 के आयोजन पर महत्वपूर्ण प्रावधान को स्पष्ट किया गया है।
दरअसल मध्य प्रदेश राजपत्र 2 मार्च 2019 के मुताबिक निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम में संशोधन किए गए थे। जिसके साथ ही प्रत्येक अकादमिक वर्ष के अंत में कक्षा पांचवी और आठवीं की नियमित परीक्षा का आयोजन किया जाने का प्रावधान तय किया गया था।
इस परीक्षा में पासिंग मार्क्स प्राप्त नहीं करने वाले छात्रों को दोबारा से परीक्षा देना होता है। वही पुन परीक्षा में भी अनुत्तीर्ण छात्र को उसी कक्षा में रोके जाने के नियम तय किए गए हैं। 2021-22 के लिए मध्य प्रदेश के सभी शासकीय स्कूलों में कक्षा पांचवी और आठवीं के छात्रों के लिए वार्षिक परीक्षा का आयोजन बोर्ड पैटर्न पर मई में आयोजित किया गया था।
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राज्य शिक्षा केंद्र ने जिला के कलेक्टर को लिखे अपने पत्र में कहा है कि प्रदेश के स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए 2022-23 में सभी शासकीय स्कूल के अलावा मान्यता प्राप्त और अनुदान प्राप्त स्कूलों में भी एनसीईआरटी के तहत पाठ्यक्रम के आधार पर ही बोर्ड परीक्षा पैटर्न के जरिए पांचवी और आठवीं परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा परीक्षा योजना की सारी जानकारी ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। पांचवी और आठवीं कक्षा के छात्र राज्य शिक्षा केंद्र की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश को देख सकते हैं।
बता दे सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा छात्रों के लिए बड़ी घोषणा की गई थी। जिसमें कहा गया था कि आगामी सत्र के लिए सभी निजी और प्राइवेट स्कूलों में पांचवी और आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर आयोजित की जाएगी। इससे पहले 2007-08 में पांचवी और आठवीं कक्षाओं की परीक्षा को बोर्ड पैटर्न से अलग कर दिया गया था। एक बार फिर से 13 साल बाद इस पर छात्रों के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाना है।
इस प्रक्रिया के तहत पांचवी और आठवीं के छात्रों को पूरे विषय में फेल होने पर दोबारा परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। यदि वह फिर से दोबारा परीक्षा में फेल होते हैं तो उन्हें बतौर नियमित छात्र कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। इससे पहले 2010 में मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र आदि राज्यों ने पांचवी आठवीं की बोर्ड परीक्षा शुरू करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। जिसकी मंजूरी मिलने के बाद अब यह प्रक्रिया शुरू होगी।