भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में स्कूल (MP School) खुलने की संभावना कम ही दिखाई दे रही है। दरअसल कोरोना (corona) की तीसरी लहर (third wave) को देखते हुए शिवराज सरकार (shivraj government) अलर्ट (alert) पर है। ऐसी स्थिति में सरकार बच्चों को लेकर किसी भी तरह की रिस्क (risk) नहीं लेना चाहती है। वही पिछले दिनों सरकार द्वारा स्कूल खोलने को लेकर विशेषज्ञ, छात्रों, अभिभावकों सहित शिक्षकों के राय मांगे गए थे। जिस पर अब मंत्री इंदर सिंह परमार (indar singh parmar) का बड़ा बयान सामने आया है।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि अगर तीसरी लहर नहीं आती और हालत सामान्य रहते हैं। तभी अगस्त में स्कूल खुले जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि मंत्री समूह द्वारा 3 दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। शिवराज सरकार प्रदेश में कोरोना की लहर को देखते हुए किसी भी स्थिति में स्कूल को खोलने के पक्ष में नहीं है।
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शिक्षा विभाग द्वारा लगातार बच्चों की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित किए जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। मंत्री परमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार सरकार पावर डेलीगेट की स्थिति में नजर आ रही है। कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी के बाद राज्य स्तर पर फैसला ना लेकर जिला स्तर पर स्कूल खोलने का फैसला लिया जा सकता है। वही सरकारी स्कूल खोलने एक फार्मूला तैयार की जाएगी। जहां न्यूनतम 50% वैक्सीनेटेड लोग और संक्रमण दर की कमी को देखते हुए स्कूल खोलने पर विचार किया जाएगा।
इसके साथ ही संक्रमण के साथ छोटे बच्चों के माता-पिता के वैक्सीनेशन की मॉनिटरिंग की जाएगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने सरकारी स्कूल ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से खोला जा सकता है। ऐसे फार्मूला तैयार किए जा रहे हैं की एक कक्षा के एक विषय के लिए सप्ताह में 1 दिन विद्यार्थियों को बुलाया जाए। इसके अलावा कुछ घंटे बुलाकर बच्चों की पढ़ाई पूरी करवाई जाए। इसके लिए पेरेंट्स सहमति लेनी अनिवार्य होंगे।
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इसके लिए कलेक्टर और जिला क्राइसिस मैनेजमेंट को अधिकार दिए जा सकते हैं। राज्य स्तर पर होने वाले फैसले को जिला स्तर पर किया जा सकेगा। जहां कोरोना संक्रमण के हालात जिले की स्थिति सहित स्कूल में मौजूद संसाधन के आधार पर जिलेवार स्कूल खोलने पर सहमति ली जा सकेगी।
स्कूल चरणबद्ध तरीके से खोले जाएंगे। इसके लिए सबसे पहले निजी स्कूल और उनके शिक्षकों से बात की जाएगी और शिक्षा विभाग का मानना है कि सबसे पहले 10वीं और 12वीं की कक्षा शुरू की जाए। इसके बाद 9वीं से 11वीं स्कूल खोलने पर सहमति बन सकती है। पहली से 5वी की कक्षा सबसे अंतिम में शुरू की जाएगी।