ग्वालियर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के कॉलेजों (MP Colleges) में नए शिक्षण सत्र शुरू करने की तैयारी शुरू हो गई है। यूजी-पीजी में प्रवेश की प्रक्रिया (UG-PG Admission) सहित शिक्षक नियुक्ति (MP Teachers Appointment) की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। माना जा रहा है कि अगस्त के अंत तक यूजी-पीजी प्रवेश की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया जाएगा। इसी बीच छात्रों के पढ़ाई में व्यवधान ना आए। इसके लिए कई कॉलेजों में गेस्ट फैकेल्टी की नियुक्ति (MP Teachers Appointment) की जा रही है। अतिथि शिक्षकों की भर्ती से छात्रों के कक्षा संचालन की समस्या को हल किया जाएगा।
इसी बीच ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी में नए शिक्षण सत्र को लेकर प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है। दरअसल जीवाजी यूनिवर्सिटी के 33 विभाग में 300 से ज्यादा गेस्ट फैकेल्टी शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है वहीं शिक्षा विभाग से भी 14 शिक्षकों की मांग की गई है। मामले में जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि 80 कोर्स की पढ़ाई इस विश्वविद्यालय में करवाई जाती है। जिसके लिए महज 35 स्थाई शिक्षक है जबकि इनकी संख्या 110 होनी चाहिए।
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वही यह संख्या भी 30 साल पहले स्वीकृत हुई थी। अब तक इसमें कई कोर्स को शामिल किया गया है। जिसके लिए छात्र भी तेजी से प्रवेश ले रहे हैं लेकिन विश्वविद्यालय लगातार स्थाई शिक्षकों की कमी झेल रहा है। इतना ही नहीं जीवाजी यूनिवर्सिटी में 2012 में आखिरी बार शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। जिसमें असिस्टेंट प्रोफेसरों को भरा गया था। इसके साथ ही अब तक असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया नहीं हुई है। संविदा शिक्षक और अतिथि विद्वानों के जरिए जीवाजी यूनिवर्सिटी में छात्रों की पढ़ाई पूरी करवाई जा रही है।
इस मामले में जीवाजी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार सुशील मंडेलिया का कहना है कि विश्वविद्यालय में नया सत्र शुरू हो रहा है। सत्र से पहले की भर्ती की जा रही है ताकि सत्र के दौरान छात्रों की पढ़ाई में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न ना हो। अतिथि विद्वानों की नियुक्ति प्रक्रिया के लिए इंटरव्यू 30 जुलाई आयोजित होंगे। इसके बाद विशेषज्ञ चयन सूची तैयार करेंगे और 1 अगस्त के बाद चयनित अतिथि विद्वानों को उनके कक्षा के विषय सूची सहित टाइम टेबल उपलब्ध करा दिया जाएगा।
बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल अतिथि विद्वानों की नियुक्ति प्रक्रिया नहीं हुई थी। जिसके कारण पुराने अतिथि शिक्षकों को ही नियुक्ति दी गई थी। अब नए सिरे से प्रक्रिया शुरू की जा रही है। जिसमें पीएचडी और योग्यता रखने वाले लोगों को प्राथमिकता मिलेगी।