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Mon, Dec 15, 2025

मध्य प्रदेश मौसम : मानसून का असर, 12 जिलों में भारी बारिश-मेघगर्जन-वज्रपात का अलर्ट, पढ़े IMD का नया अपडेट

Written by:Pooja Khodani
अलग अलग स्थानों पर सक्रिय मौसम प्रणालियों के असर से 24 घंटों में ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
मध्य प्रदेश मौसम :  मानसून का असर, 12 जिलों में भारी बारिश-मेघगर्जन-वज्रपात का अलर्ट, पढ़े IMD का नया अपडेट

साइक्लोनिक सर्कुलेशन समेत सक्रिय कई वेदर सिस्टम के चलते आज गुरुवार को 12 जिलों में गरज चमक के साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।यहां ढाई से साढ़े 4 इंच पानी गिर सकता है।अन्य जिलों में हल्की बारिश, मेघगर्जन और बिजली गिरने चमकने का दौर जारी रहेगा। 22 और 23 अगस्त को भी कई जिलों में तेज बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मध्यप्रदेश में अब तक औसत 32.4 इंच बारिश हो चुकी है, जो मानसूनी कोटे की 87 प्रतिशत है। बुधवार को 30 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश हुई।

वर्तमान में सक्रिय है कई मौसम प्रणालियां

छत्तीसगढ़ के मध्य भागों और संलग्न पूर्वी मध्य प्रदेश पर बना निम्न दाब क्षेत्र कम स्पष्ट हो गया है, इससे जुड़ा चक्रवातीय परिसंचरण दक्षिण-पूर्व मध्य प्रदेश और निकटवर्ती क्षेत्रों में माध्य समुद्र तल से 4.5 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है, जो ऊँचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुक रहा है। वर्तमान में, मानसून ट्रफ़ माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर नलिया, वल्लभ विद्यानगर, बैतूल, मंडला, संबलपुर, चांदबाली से होकर पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य तक विस्तृत है। एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण पूर्वोत्तर अरब सागर और संलग्न गुजरात पर माध्य समुद्र तल से 5.8 किमी और 7.6 किमी की ऊंचाई के माध्य सक्रिय है। शीयर जोन, भारतीय क्षेत्र में 21° उत्तरी अक्षांश के साथ माध्य समुद्र तल से 3.1 और 4.5 किमी की ऊंचाई के मध्य अवस्थित है।

24 अगस्त तक जारी रहेगा वर्षा का दौर

21 अगस्त:  राजगढ़, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी में भारी वर्षा, झंझावत वज्रपात। भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर, पांढुर्णा में झंझावत और वज्रपात।

22 अगस्त: राजगढ़, रतलाम, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, शिवपुरी, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी में भारी वर्षा, झंझावत और वज्रपात कहीं-कहीं ।भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, उज्जैन, देवास, शाजापुर, अशोकनगर, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, रीवा, मऊगंज, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर, पांढुर्णा में झंझावत और वज्रपात कहीं-कहीं

23 अगस्त: शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर भारी वर्षा, झंझावत वज्रपात  कहीं-कहीं। भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, दमोह, सागर, पांढुर्णा झंझावत और वज्रपात 

24 अगस्त: मंदसौर, नीमच, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी में भारी वर्षा, झंझावत और वज्रपात।
भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, अशोकनगर, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला,बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, मैहर, पांढुर्णा में झंझावत और वज्रपात कहीं-कहीं।

Madhya Pradesh: 1 जून से 20 अगस्त तक कहां कितनी हुई वर्षा

  • मध्य प्रदेश में दीर्घावधि औसत से 22% अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 25% और पश्चिमी मध्य प्रदेश 20% अधिक वर्षा हुई है। अब तक औसत 31.5 इंच बारिश हो चुकी है यानि 5.9 इंच पानी ज्यादा गिरा है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। अब तक 85 प्रतिशत पानी गिर चुका है।
  • प्रदेश में जुलाई में 10 जिलों में कोटा पूरा हो चुका है, लेकिन इंदौर व उज्जैन संभाग के जिलों की स्थिति ठीक नहीं है। पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में औसत से 37% और पश्चिमी हिस्से यानी, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में 25% बारिश अधिक हुई है।
    इस बार सबसे ज्यादा पानी गुना में गिरा है। यहां 45.8 इंच बारिश हो चुकी है। निवाड़ी में 45.1 इंच, मंडला-टीकमगढ़ में 44 इंच और अशोकनगर में 42 इंच के करीब बारिश हो चुकी है।

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