MP Weather Update : अलग अलग स्थानों पर बने वेदर सिस्टम के प्रभाव से 5 अक्टूबर तक मध्य प्रदेश का मौसम बदला रहेगा। इस दौरान प्रदेश में कहीं कहीं हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान है। हालांकि 3 और 4 अक्टूबर को इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। आज गुरुवार को सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर, भोपाल संभाग के जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की गई है। अबतक 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है और 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से वापसी संभव है।बता दे कि अबतक 45.77 इंच पानी गिर चुका है, जो सामान्य बारिश 37.3 इंच के मुकाबले 7.8 इंच अधिक है।
3 अक्टूबर को सक्रिय होगा नया वेदर सिस्टम
- दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा 20° उत्तर/69° पूर्व, वेरावल, भरूच, उज्जैन, झाँसी, शाहजहाँपुर और 30° उत्तर/81° पूर्व से होकर गुज़र रही है। एक सुस्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य भाग पर अवस्थित है और इससे जुड़ा चक्रवातीय परिसंचरण माध्य समुद्र तल से 9.6 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है और ऊँचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुक रहा है। अगले 12 घंटों के दौरान इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते रहने और इसी क्षेत्र में एक अवदाब में केंद्रित होने की संभावना है।
- उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए, इसके और तीव्र होकर एक गहरे अवदाब में परिवर्तित होने और 3 अक्टूबर की सुबह दक्षिण ओडिशा-उत्तर आंध्र प्रदेश के तटों को पार करने की संभावना है। एक सुस्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र उत्तर-पूर्व अरब सागर और संलग्न सौराष्ट्र तट पर अवस्थित है और इससे जुड़ा चक्रवातीय परिसंचरण माध्य समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है। अगले 12 घंटों के दौरान, इसके लगभग पश्चिम की ओर बढ़ने और उत्तर-पूर्वी अरब सागर के ऊपर एक अवदाब में परिवर्तित होने की संभावना है।
- इसके बाद यह पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर उत्तर-पश्चिमी अरब सागर की ओर बढ़ेगा। एक ट्फ़ उत्तर-पूर्वी अरब सागर और संलग्न सौराष्ट्र तट पर बने सुस्पष्ट निम्नदाब क्षेत्र से जुड़े चक्रवातीय परिसंचरण से पूर्वी राजस्थान होते हुए दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेशतक माध्य समुद्र तल से 3.1 किमी की ऊंचाई पर विस्तृत है। एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण उत्तर-पूर्वी राजस्थान के ऊपर माध्य
समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है।
आज इन जिलों में बारिश का अलर्ट
- रीवा, सतना, पन्ना और मैहर में भारी बारिश
- भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, पांढुर्णा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, झाबुआ, इंदौर, देवास, मंडला, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और मैहर में हल्की बारिश।
मध्य प्रदेश : अबतक 12 जिलों से मानसून विदा
अबतक मध्य प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। इसमें उज्जैन, राजगढ़,अशोकनगर ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम और उज्जैन शामिल हैं।हलांकि अन्य जिलों से फिलहाल मानसून की विदाई नहीं होगी। नया वेदर सिस्टम बनने से मानसून की वापसी के लिए परिस्थिति अनुकूल नहीं है।
Madhya Pradesh: 1 जून से 1 अक्टूबर तक कहां कितनी हुई वर्षा
- मध्य प्रदेश में दीर्घावधि औसत से 21% अधिक वर्षा हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 17% और पश्चिमी मध्य प्रदेश 25% अधिक वर्षा हुई है।
- एमपी में अब तक 45.77 इंच बारिश हो चुकी है वैसे 37.3 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.8 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37.2 इंच है। अब तक 122 प्रतिशत बारिश हो चुकी है पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश हुई थी।
- गुना में सबसे ज्यादा 65.5 इंच बारिश हुई। मंडला-रायसेन में 62 इंच और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। हालांकि शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार में सबसे कम बारिश हुई।सबसे कम बारिश खरगोन में 27.3 इंच , शाजापुर में 28.7 इंच, खंडवा में 29.1 इंच, बड़वानी में 30.9 इंच और धार में 32.8 इंच हुई है।
- ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है।
MP Weather Forecast Till 4 October






