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Fri, Dec 5, 2025

मध्य प्रदेश मौसम अपडेट : 24 घंटे में बदलेगा वेदर, छाएंगे बादल, फिर 3 दिन बारिश के आसार, नवंबर से पड़ेगी तेज ठंड

Written by:Pooja Khodani
अक्टूबर में प्रदेश में मिला जुला मौसम देखने को मिलेगा। इस दौरान दक्षिणी मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। नवंबर से ठंड का असर देखने को मिलेगा।
मध्य प्रदेश मौसम अपडेट : 24 घंटे में बदलेगा वेदर, छाएंगे बादल, फिर 3 दिन बारिश के आसार, नवंबर से पड़ेगी तेज ठंड

MP Weather Update: बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही नमी के चलते मध्य प्रदेश का मौसम एक बार फिर बदल गया है। फिलहाल 22-23 अक्टूबर तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा।खास करके 20 अक्टूबर से प्रदेश के दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश का दौर देखने को मिल सकता है।भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में बादल छाने के साथ कहीं-कहीं हल्की वर्षा या बूंदाबांदी के आसार हैं।इधर, 21 और 24 अक्टूबर को भी दो नए वेदर सिस्टम सक्रिय होने वाले है, जिसका प्रदेश पर असर देखने को मिलेगा। नवंबर के दूसरे सप्ताह कड़ाके की ठंड़ पड़ना शुरू हो जाएगी जो जनवरी तक बनी रहेगी। इस बार ठंड का असर फरवरी तक जारी रह सकता है।

20-22 अक्टूबर के बीच इन जिलों में बदला रहेगा मौसम

भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर और उज्जैन संभाग के बैतूल, नर्मदापुरम, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और अनूपपुर जिले में कहीं-कहीं बूंदाबांदी और गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है।

मध्य प्रदेश मौसम विभाग ताजा पूर्वानुमान

दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर स्थित निम्न दबाव क्षेत्र, केरल- कर्नाटका तट के पास एक स्पष्ट रूप से चिन्हित निम्न दबाव क्षेत्र में परिवर्तित हो गया है। इसके साथ जुड़ी हुई चक्रवातीय परिसंचरण माध्य समुद्र तल से 5.8 किमी की ऊंचाई पर स्थित है। यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की दिशा में मूव करने की संभावना है और अगले 36 घंटों में यह गहरे दबाव क्षेत्र में परिवर्तित हो सकता है। एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण दक्षिण अंडमान सागर और आस- पास के दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित है, और यह माध्य समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई पर स्थित है। इसके प्रभाव के तहत 24 अक्टूबर 2025 के आसपास दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। 21 अक्टूबर 2025 से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पड़ने की संभावना है। हवाओं का रुख पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी बना हुआ है, जिसके चलते नमी आ रही है और बादल बने हुए हैं । अगले कुछ दिनों तक मौसम का यही मिजाज बने रहने की उम्मीद है।

Madhya Pradesh: 1 जून से 17 अक्टूबर तक कहां कितनी हुई वर्षा

  • मध्य प्रदेश में अब तक 48 इंच बारिश हो चुकी है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37.2 इंच है। इस बार मानसूनी सीजन में 121 प्रतिशत बारिश हुई है यानि अनुमान से 15 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश हुई थी।
  • गुना में सबसे ज्यादा 65.6 इंच बारिश हुई। मंडला-रायसेन में 62 इंच और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। हालांकि शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार में सबसे कम बारिश हुई।
  • इंदौर संभाग में सामान्य बारिश का लक्ष्य पूरा हो गया। हालांकि उज्जैन में कोटा पूरा नहीं हो पाया । सागर, रीवा, जबलपुर और शहडोल संभागों में मानसून का जोरदार असर रहा। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र संभाग में औसत से ज्यादा बारिश हुई।
  • ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है।

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