साथ ही नगर और गांव में चुनावी माहौल भी तैयार किए गए हैं। ऐसी स्थिति में अब उम्मीदवारों की मांग है कि MPPSC राज्य सेवा परीक्षा-राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा को चुनाव के उपरांत ही आयोजित किया जाए। उम्मीदवारों ने अपनी इस मांग को सरकार के सामने रखने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। दरअसल ट्विटर पर आज सुबह से ही #postponemppsc2021 Trend में देखा जा रहा है। वहीं छात्रों की मांग है कि चुनाव व्यवस्था में लगे शासकीय कर्मचारियों और अन्य परिस्थितियों को देखते हुए परीक्षा को निर्वाचन के बाद आयोजित किया जाना चाहिए।
आंकड़ों के मुताबिक MPPSC 2021 परीक्षा में 10 से 15% शासकीय कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना है। ऐसे में अनुमानित 15% शासकीय सेवक के चुनावी व्यवस्थाओं में लगी होने की वजह से लगातार परीक्षा तिथि को आगे बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है। इससे पहले मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव-नगरी निकाय चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी गई है। प्रथम पंचायत चुनाव आयोजित किए जाएंगे। जिसके लिए पहले चरण का चुनाव 25 जून को होना है।
वही निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि शासकीय कर्मचारियों को चुनावी व्यवस्थाओं में सम्मिलित किया जाएगा। ऐसी स्थिति में कई शासकीय कर्मचारियों को परीक्षा में शामिल होने के अलावा निर्वाचन व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभानी है। जिसके लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण का कार्य भी शुरू किया गया है। वही पहले चरण के चुनाव के लिए कई जगह पर प्रशिक्षण 19 जून को आयोजित किए जा सकते हैं। ऐसे में वैसे शासकीय सेवक, जो इस बार MPPSC राज्यसेवा परीक्षा में शामिल होना चाहते, उनके सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है।
इधर निर्वाचन आयोग की तरफ से भी किसी भी सूरत में अधिकारी कर्मचारियों को जिला मुख्यालय ने छोड़ने के आदेश जारी किए गए हैं। जिसके बाद एक बार फिर से MPPSC 2021 परीक्षा को स्थगित करने की मांग की जा रही है। वहीं उम्मीदवारों की मांग है कि जुलाई में पंचायत और नगर निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद परीक्षा का आयोजन किया जाए।
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इतना ही नहीं उम्मीदवारों द्वारा MPPSC को आवेदन दिया गया। जिसमें कहा गया है कि 23 मई से 27 मई तक दोबारा फॉर्म भरने वाले अन्य उम्मीदवारों को भी परीक्षा की तैयारी के लिए बेहद कम समय मिला है जबकि संविधान समानता का अधिकार देता है। वही यह पूर्ण रूप से संविधान द्वारा दिए गए समानता के अधिकार का उल्लंघन है। जिसके बाद परीक्षा स्थगित कर चुनाव बाद परीक्षा तारीख घोषित करने की मांग छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही है।
हालांकि आयोग अपनी तरफ से जल्द से जल्द MPPSC राज्य सेवा परीक्षा को लेकर एक बार फिर से एक्टिव मोड में नजर आ रहा है। MPPSC द्वारा अब तक आखिरी नियुक्ति वर्ष 2019 के फरवरी में की गई थी। इसके बाद से लेकर अब तक एक भी प्रशासकीय सेवा के अफसरों की नियुक्ति नहीं की गई है। राज्य सेवा परीक्षा 2018 के 258 स्वीकृत पदों में से 286 पर नियुक्ति आयोजित की गई थी। हालांकि इसके बाद 3 साल का समय बीत चुका है जबकि MPPSC द्वारा प्रशासनिक अफसरों की नियुक्ति नहीं कर पाना अपने आप में MPPSC के ऊपर बन रहे दबाव का एक बड़ा कारण हो सकता है।
जबकि इस साल 2019 की बात करें तो 571 पदों पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित की गई थी। जबकि 2019-2020 और 2021 के पदों पर निकली अभी कोर्ट में लंबित है। जिस पर MPPSC द्वारा कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि 2019 की बात करें तो 500 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए कई बार इंटरव्यू को टाला जा चुका है। इससे पहले 21 से 26 मार्च 2021 को परीक्षा आयोजित की गई थी। हालांकि कोरोना की वजह से रिजल्ट में काफी देरी हुई थी 1 जनवरी 2022 को जारी हुए रिजल्ट के लिए 4 महीना के समय बीत जाने के बाद भी इंटरव्यू आयोजित नहीं किए गए हैं।
जबकि 2020 में 260 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अजित की गई थी। जिसके लिए 24 से 29 अप्रैल के बीच मुख्य परीक्षा का आयोजन किया जा चुका है। हालांकि अभी भी छात्र इस के परीक्षा परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। अब MPPSC द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2021, 19 जून को आयोजित की जानी है। जिसके लिए जुलाई में परिणाम घोषित किए जा सकते हैं।
हालांकि इस बीच उम्मीदवारों की मांग को देखते हुए मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग क्या निर्णय लेता है। इसपर क्या स्थिति बनती है, यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन कई नियुक्तियों के रोके जाने की वजह से मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग पर एक तरफ जहां दबाव बढ़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ छात्रों के भविष्य भी अधर में हैं। ऐसी स्थिति में अब छात्रों की मांग पर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का फैसला वाकई महत्वपूर्ण माना जा रहा है।