भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में विश्व तंबाकू निषेध दिवस (world no tobacco day) पर नशामुक्त अभियान का आयोजन किया गया। इस वर्ष प्रदेश में “तम्बाकू को छोड़ दो, जीवन को मोड़ दो” विषय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए। वहीँ MP में तंबाकू की रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा नवीन योजना तैयार की गई है।
दरअसल तंबाकू रोकथाम के लिए मध्यप्रदेश में विशेष पहल की जा रही है। जिसमें हर सर्विस सेंटर में तंबाकू सेसेशन सेंटर (TOBACCO CESSATION CENTRE) की स्थापना की जाएगी। केंद्र में चिकित्सा अधिकारी और कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर लोगों को जागरुक करने का कार्य करेंगे। इसके अलावा तंबाकू सेवन की आदत से छुटकारा दिलाने के लिए सीएमओ सहित सीएचओ लोगों को परामर्श सहित उपचार सुविधा उपलब्ध करवाएंगे।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री प्रेम सिंह पटेल (Prem Singh Patel) ने नशामुक्ति के लिये दीर्घकालीन कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिये हैं। मंत्री पटेल ने कहा कि पूरे मध्यप्रदेश में नशीले पदार्थों और शराब के सेवन के दुष्परिणामों से आमजन को जागरूक करते हुए निरंतर नशामुक्ति अभियान चलायें।
बच्चों को नशामुक्त बनाये रखने के लिये माताओं को मिलेगा प्रशिक्षण
नई पीढ़ी नशे का शिकार न हो, इसके लिये नशामुक्ति अभियान में युवा, बच्चों और महिलाओं को विशेष रूप से शामिल किया जायेगा। महिलाओं को सशक्त करने का ऐसा प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं, जिससे वे अपने बच्चों को नशामुक्त बनाये रखने में सफल रहें। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा प्रशिक्षण मॉड्यूल एवं प्रचार-प्रसार सामग्री तैयार की जा रही है।
इसे पहले MP में आयुक्त सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण डॉ. ई. रमेश कुमार ने कलेक्टर्स से बड़े निर्देश दिए हैं उन्होंने कहा कि नशामुक्ति अभियान में तत्काल जिला एवं अनुभाग स्तर पर समिति गठित की जाए। साथ ही मास्टर-ट्रेनर्स की अद्यतन जानकारी और मास्टर-ट्रेनर्स द्वारा अनुभाग स्तर प्रशिक्षण की कार्य-योजना 31 मई तक भेजे जाए। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने विभाग को नशामुक्ति अभियान के क्रियान्वयन के लिये तत्काल प्रशिक्षण की कार्यवाही आरंभ करने और प्रत्येक जिले के लिये न्यूनतम 8-10 विषय-विशेषज्ञ तैयार करने के निर्देश बीते दिनों दिये थे।
वहीँ जारी निर्देशों में कहा गया है कि मास्टर-ट्रेनर्स जिलों में विभिन्न स्तर पर प्रशिक्षण के लिए स्मार्ट क्लॉस चिन्हित किए जाए। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले जिला और अनुभाग स्तर के प्रशिक्षणार्थियों का चयन कर लिया जाए। जिले के सभी नशे के हॉट स्पॉट चिन्हित करें। साथ ही नशे के पीड़ित व्यक्तियों के उपचार, पुनर्वास केन्द्रों का चिन्हांकन और उनके द्वारा प्रदत्त सेवाओं का निरीक्षण एवं मूल्यांकन करा कर उपचार पुनर्वास केन्द्रों को सूचीबद्ध करें।
जिला स्तरीय समिति
कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित होने वाली जिला स्तरीय समिति में पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी (जिला पंचायत), वन मण्डलाधिकारी, नगर निगम आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, उपायुक्त आदिम-जाति कल्याण, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला योजना अधिकारी, अधिष्ठाता मेडिकल कॉलेज, संचालक इंजीनियरिंग कॉलेज, जिला आबकारी अधिकारी, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण, जिला जनसम्पर्क अधिकारी, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग, परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण और परियोजना अधिकारी जिला शिक्षा केन्द्र सदस्य होंगे।
समिति में सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महापौर आदि को विशेष रूप से आमंत्रित किया जायेगा। इसी तरह कलेक्टर, अन्य विभागों एवं संस्थानों के अधिकारियों, अन्य जन-प्रतिनिधियों और स्वयंसेवी संस्थाओं को भी आमंत्रित कर सकेंगे।