CG OLD PENSION SCHEME 2022: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने राज्य में एक बार फिर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा तो कर दी है, लेकिन केंद्र सरकार से पेंशन निधि के पैसे मिलने पर अब भी पेंच फंसा हुआ है। केन्द्र सरकार साफ कर चुकी है कि पैसे लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है। इस पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यह कर्मचारियों का पैसा है, राज्य का अंशदान है,इसमें भारत सरकार का एक पैसा भी नहीं है। वही सीएम ने वित्त विभाग के अधिकारियों को कर्मचारी संगठन से बात कर इसका रास्ता निकालने के निर्देश दिए है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम बघेल का कहना है कि एनपीएस का पैसा राज्य के कर्मचारियों का है, इसमें केन्द्र सरकार का कोई योगदान नहीं, ऐसे में सरकार को राशि वापस लौटानी चाहिए।हम लंबे समय से मांग कर रहे है कि रकम वापस दी जाए, लेकिन इस पर अबतक कोई फैसला नहीं लिया गया है।मैने अधिकारियों से कहा है कि वे कर्मचारी संगठनों से चर्चा करें और सुझाव लें, इसके बाद आगे विचार किया जाएगा।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा मैंने अधिकारियों को कहा है कि कर्मचारी संगठन के साथ बैठक करें और इसका क्या रास्ता निकल सकता है उसपर विचार-विमर्श करे। उसके बाद हम लोगों तक आए ताकि हम कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किये हैं उसका हल निकल सके।हम पुरानी पेंशन योजना के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सूत्रों की मानें तो सरकार की योजना है कि कर्मचारी संगठन से चर्चा के बाद रणनीति बनाई जाए, इसके तहत कर्मचारी अपने अंशदान खाते में जमा राशि निकालकर राज्य सरकार के खुलवाएं पेंशन खाते में जमा कर दें तो पेंच सुलझ जाएगा और राशि भी आसानी से मिल जाएगी, जिसे केंद्र सरकार भी नहीं रोक पाएगी।इसके बाद पुरानी पेंशन योजना लागू करना आसान हो जाएगा।
केन्द्र ने दिया ये जवाब
AIMIM यानी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन औवसी ने सोमवार को लोक सभा में पुरानी पेंशन योजना का सवाल उठाया था, जिसके लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने बताया राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना बहाली की अधिसूचना जारी कर दी है और कर्मचारियों और राज्य सरकार के अंशदान की PFRDA- पेंशन विनियामक विकास प्राधिकरण में जमा राशि वापस लौटाने का प्रस्ताव दिया है।लेकिन PFRDA ने भी साफ कर दिया है कि इससे संबंधित कानूनों और नियमों में इस राशि को राज्य सरकारों को वापस लौटाने का कोई प्रावधान ही नहीं है।
केन्द्र से मांगे 17240
दरअसल, बीते महीनों भूपेश बघेल ने इस राशि की वापसी की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था। इसमें आग्रह किया गया था कि NPS के तहत राज्य सरकार के योगदान की कुल राशि (नियोक्ता और कर्मचारी संयुक्त हिस्सेदारी) का वर्तमान बाजार मूल्य 17 हजार 240 करोड़ रुपये है, जो छत्तीसगढ़ सरकार को लौटाई जाए। इस पर केन्द्र ने जवाब देते हुए राशि देने के इंकार कर दिया।
मई में लागू की गई थी ओपीएस
भूपेश बघेल सरकार ने एक मई 2022 की कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के निर्णय को मंजूरी दी थी। इसके बाद NPS खातों में नियोक्ता और कर्मचारी का मासिक अंशदान भी एक अप्रैल 2022 से बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में नई पेंशन योजना एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक लागू रही। इस दौरान एनएसडीएल को 1 नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक कुल 11850 करोड़ हस्तांतरित किए गए। वर्तमान में इस राशि का मूल्य लगभग 17240 करोड रुपए हो गया है। राज्य सरकार ने इन सभी तथ्यों के आधार पर पेंशन निधि विनियामक व विकास प्राधिकरण से राशि वापस करने का अनुरोध किया था।