भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) की घोषणा के बाद एक तरफ जहां 1 लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया (mp recruitment) आयोजित की जा रही है। दूसरी तरफ 7 महीने पहले कैबिनेट में हुई घोषणा के बाद आखिरकार प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (MPPEB) के नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। दरअसल प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (MPESB) के नाम से जाना जाएगा। 7 महीने पहले कैबिनेट की मीटिंग में इस बात पर मुहर लगाई गई थी।
बुधवार को कर्मचारियों द्वारा बिल्डिंग समेत बोर्ड पर नए नाम रह गए हैं। बता दें कि इससे पहले प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का पुराना नाम व्यापम हुआ करता था। व्यवसायिक परीक्षा मंडल में हुई गड़बड़ियों आदि के बाद व्यापम का नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड किया गया था। अब फिर से इसके नाम को बदला गया है। अब प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड के नाम से जाना जाएगा। व्यापम घोटाला प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला बन कर उभरा था।
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मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के नाम बदलने के साथ ही इसके डिपार्टमेंट को भी बदला गया है। अब नोडल डिपार्टमेंट के रूप में इसका संचालन सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा गया है। सीधे तौर पर यह विभाग सीएम शिवराज के पास रहेगा। साथ ही राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार को भी इसमें शामिल किया गया है।
राज्य शासन द्वारा व्यापम घोटाला सामने आने के बाद नाम बदलने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। सिस्टम में सुधार होने की स्थिति देखते हुए नाम बदलने के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। पिछले साल प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की तरफ से कृषि विस्तार अधिकारी और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी परीक्षा में भारी गड़बड़ी सामने आई। जिसके कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी। जांच में परीक्षा एजेंसी को आरोपी माना गया। ऐसे में कई मामले सामने आने के बाद फिर से शुरू हुई थी। आखिरकार अब प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के नाम को बदल दिया गया है।