भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) के लाखों निवेशकों (investors) के हजारों करोड़ रुपए हड़प चुकी सहारा इंडिया कंपनी (SAHARA India Company) में काम करने वाले अधिकारी कर्मचारी बेहद तनाव में है। निवेशकों के आए दिन होने वाले घेराव के दबाव के चलते सोमवार को भोपाल के मंडल प्रमुख राजेंद्र सक्सेना (rajendra saxena) ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है। इसकी वजह उन्होंने वर्तमान मे चल रहे हालात बताये है।
सोमवार को सहारा इंडिया कंपनी के एमपी नगर जोन वन स्थित ऑफिस में एक सैकड़ा से ज्यादा सहारा के एजेंट पहुंचे और ऑफिस की तालाबंदी कर दी। यह लोग लंबे समय से निवेशकों का भुगतान करने की कंपनी से मांग कर रहे हैं लेकिन कंपनी के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। अकेले भोपाल जिले की बात करें तो विभिन्न योजनाओं में निवेशकों के 200 करोड़ रुपए से ज्यादा कंपनी पर बकाया है लेकिन कंपनी है कि भुगतान करने का नाम नहीं ले रही। एमपी नगर जोन वन में सहारा पैरा बैंकिंग का मुख्यालय स्थित है।
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जहां पर महिलाएं भी काम करती हैं और आए दिन गाली-गलौज के माहौल में उनका काम करना मुश्किल होता जा रहा है। सोमवार को जब एजेंटों ने अधिकारियों का घेराव किया तो उन्होंने एक बार फिर भुगतान की मांग की लेकिन अधिकारियों ने सब कुछ सुब्रतो राय के हाथों में होने की बात कहकर अपने हाथ खड़े कर दिए।
इतना ही नहीं मंडल प्रमुख राजेन्द्र सक्सेना ने तो थोड़ी देर बाद अपना त्याग पत्र लिखा और एजेंटों के सामने आकर उसे रख दिया और कहा कि अब हालात मेरे बस में नहीं है। मैं कितना दबाव झेल सकता हूं, इसलिए मैं नौकरी से ही त्यागपत्र दे रहा हूं। एजेंटों का कहना है कि वे जल्द ही प्रदेश के गृहमंत्री और प्रशासन के सामने अपनी मांगें रखेंगे और उन से निवेदन करेंगे कि जल्द कंपनी के ऊपर कार्रवाई कर उनका और निवेशकों का पैसा वापस जोड़ लौटाया जाए।