MP किसानों के लिए शिवराज सरकार की बड़ी तैयारी, डिफॉल्टर होने से बचेंगे, मिलेगा लाभ

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने किसानों (MP Farmers) को बड़ी राहत दी है। दरअसल किसानों को डिफॉल्टर (defaulter) से बचाने के लिए सरकार बीच का रास्ता निकालने की तैयारी में जुट गई है। वही फसल का भुगतान (Crop payment) नहीं किए जाने के कारण किसान ऋण अदायगी करने में सक्षम नहीं है और कई किसान डिफॉल्टर हो गए हैं डिफाल्टर किसानों की संख्या लगभग 12 लाख हो गई है जिसको डिफॉल्टर से बचाने के लिए अब सरकार द्वारा नए रास्ते की तलाश किए जा रहे हैं।

इधर खाद नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा 4 हज़ार 90 हज़ार किसानों को भुगतान करने की घोषणा की गई है। वहीं 5 लाख 72 हज़ार 154 किसानों से 44 लाख 45 हज़ार 937 टन अनाज खरीदी गई है। अभी तक 1 लाख से अधिक किसानों को उपज का भुगतान नहीं किया गया है। जिसके कारण किसान सहकारी बैंकों के प्रावधान के अनुरूप डिफॉल्टर हो गए हैं और ऋण राशि का समायोजन नहीं हो पाया है। हालांकि शनिवार को सीएम शिवराज द्वारा जल्द से जल्द किसानों को भुगतान करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए थे। साथ ही उन्होंने बीच का रास्ता निकालने के भी निर्देश दिए थे।

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इधर सहकारी बैंकों के अधिकारियों की माने तो किसानों को डिफाल्टर होने से बचाने के लिए किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदने और भुगतान नहीं होने की स्थिति में डिफॉल्टर नहीं माना जाएगा। ऐसी व्यवस्था की जा रही जिसके तहत ऐसे किसान, जिनको भुगतान नहीं हुआ है पंजीयन की तारीख से अगले सीजन के लिए ऋण लेने के पात्र रहेंगे। इसका फायदा किसानों को मिलेगा। किसानों को समितियों से खाद बीज के साथ नकद राशि भी पात्रता के अनुसार ब्याज रहित ऋण योजना के तहत उपलब्ध कराई जाएगी।

हालांकि इसके तहत समितियों को ऋण उपलब्ध करवाई जाएगी। समितियों को ऋण अदायगी की अंतिम तिथि बढ़ाने और जब तक राशि का भुगतान नहीं हो जाता है, उस दौरान का ब्याज सरकार द्वारा वहन करने की बात कही गई है। इससे पहले सभी किसानों से रिकवरी के लिए 38 जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा 15 अप्रैल 2022 35.41% की रिकवरी की गई। वही अवधि वृद्धि में 6.69% की रिकवरी ही देखने को मिले। किसान को डिफॉल्टर होने से बचाने के लिए सरकार द्वारा ब्याज माफी की भी घोषणा की गई थी। जिसके बाद अब किसानों को केवल मूलधन चुकाना होगा।

इससे पहले खरीफ सीजन 2021 का ऋण चुकाने के अंतिम अवधि को सरकार द्वारा बढ़ाया गया था। जिसे 28 मार्च से बढ़ाकर 15 फुल किया गया था। वही अब समर्थन पर किसानों से गेहूं चना मसूर और सरसों की खरीदी की गई। इसका भुगतान अभी तक पूरा नहीं किया गया है। किसानों के लिए योजना का खाका तैयार किया जा रहा है। खरीफ फसल के लिए जिन किसानों द्वारा ऋण लिया गया है, वह भी डिफॉल्टर ना हो जाए। इसके लिए तारीख बढ़ाई गई थी लेकिन किसानों द्वारा समर्थन मूल्य जाने के बावजूद अभी तक उनका भुगतान नहीं हो पाया है।


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