किसान आंदोलन 2020 -17 दिसम्बर को मुरैना से दिल्ली पैदल कूच करेंगे किसान, ऐसी है पूरी रणनीति

Pooja Khodani
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किसान आंदोलन 2020

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। किसान आंदोलन 2020 (Farmers Protest 2020) का आज 17वां दिन है, लेकिन अबतक केन्द्र की मोदी सरकार (Modi Government) से समझौता नही हो पाया है। भारत बंद (Bharat Band) के बाद अब किसानों (Farmers) ने 14 दिसंबर (December) को देशभर में प्रदर्शन की चेतावनी दी है।वही एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पीवी (Rajagopal PV) ने 17 दिसंबर को केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Union Minister Narendra Singh Tomar) के विधानसभा क्षेत्र मुरैना से होते हुए दिल्ली  कूच करने का ऐलान किया है।

दरअसल, छत्तीसगढ के रायपुर के पास तिल्दा के प्रयोग आश्रम में हुई महत्वपूर्ण बैठक में एकता परिषद ने यह फैसला लिया है। एकता परिषद के संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता पी वी राजगोपाल ने 17 दिसंबर को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना (Morena) से दिल्ली (Delhi) की ओर पैदल मार्च शुरू करने का ऐलान किया है।राजगोपाल ने बताया कि जबलपुर, कटनी, दमोह, सागर होते हुए ग्वालियर पहुंचेंगे और फिर 17 दिसंबर को मुरैना से पैदल मार्च शुरू करेंगे। रविवार दोपहर बाद रायपुर से मुरैना के लिए सड़क मार्ग से रवाना हाेंगे। उनकी योजना में मंडला, जबलपुर, सागर, झांसी में रुककर स्थानीय कार्यकर्ताओं को साथ लेने की है। यह लोग 16 दिसम्बर की शाम मुरैना पहुंचेंगे। मुरैना से राजस्थान (Rajasthan) के धौलपुर, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा-मथुरा से होती हुई यह पदयात्रा दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों से जाकर मिल जाएगी। इस पदयात्रा में बड़ी संख्या में महिला, किसानों और सामाजिक कार्यकर्ता को शामिल करने की तैयारी है।

राजगोपाल का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए तीनों कृषि बिल (Agricultural bill) किसान विरोधी हैं, इसलिए सरकार को इन्हें रद्द करना चाहिए। इसके साथ ये भी तय करना चाहिए कि आगामी समय में जो भी किसान और खेती से संबंधित कानून बनेंगे वे किसानों से संवाद के बाद ही बनाए जाएंगे।

बता दे कि शनिवार को किसान प्रदर्शन की समीक्षा और आंदोलन को लेकर सिंधु बॉर्डर (Sindhu Border) पर एक बैठक बुलाई गई, जिसमें किसानों ने 14 दिसंबर को जिला कलेक्टर ऑफिस (Collector Office) के बाहर धरना प्रदर्शन की योजना बनाई है। आज की मीटिंग के बाद किसान देर शाम तक अपने फैसलों की जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं।इसके अलावा किसान संगठनों (Farmer Organizations) ने दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (Delhi-Jaipur National Highway) पर ट्रैफिक जाम करने और हरियाणा मेंटोल प्लाजा को घेरने की चेतावनी दी है। लिहाजा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में पुलिस (Police) अलर्ट है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वही सरकार लगातार किसानों को मनाने मे जुटी है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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