भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। लंबे समय से नाराज चल रहे कर्मचारियों को मनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) की तरह राज्य की शिवराज सरकार भी जल्द बड़ी सौगात दे सकती है। सुत्रों की मानें तो अगस्त मे शुरु होने जा रहे मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र से पहले कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA) और वेतनवृद्धि की जा सकती है, इसके लिए मंत्रालय स्तर पर तैयारियां भी जोरों पर है।
महंगाई भत्ता ना मिलने से MP के कर्मचारी नाराज, बोले-सरकार ने 4400 करोड बचाए
दरअसल, हाल ही में केंद्र (7th Pay Commission) की मोदी सरकार ने महंगाई भत्ता (DA) को 17% से बढ़ाकर 28% कर दिया गया है। 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते (DA) का लाभ देश के 48 लाख 34 हजार केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख 26 हजार पेंशनर्स को मिलेगा। केंद्र के इस फैसले के बाद से ही शिवराज सरकार (Shivraj Government) की मुश्किलें बढ़ गई है।चुंकी मध्य प्रदेश सरकार ने 2 साल से करीब 14 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते का लाभ नहीं दिया है, ऐसे में कर्मचारियों में भी आक्रोश बढ़ने लगा है।
कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और हड़ताल-आंदोलन की चेतावनी दी है।यही कारण है कि आंदोलन से पहले महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और वेतनवृद्धि कर सरकार नाराज कर्मचारियों को मनाने की तैयारियों में जुट गई है। संभव है कि सरकार 9 अगस्त से शुरु हो रहे विधानसभा (MP Legislative Assembly) के मानसून सत्र (Monsoon session 2021) से पहले कर्मचारियों को 2 वेतन वृद्धि करने का फैसला ले लें, इससे करीब 80 करोड़ सालाना का अतिरिक्त भार आएगा।अगर ऐसा हुआ तो कर्मचारियों की आय में अच्छी खासी वृद्धि होगी।
MP: कर्मचारियों ने की केंद्र के समान DA बढ़ाने की मांग, हड़ताल का ऐलान, आंदोलन की भी चेतावनी
वही महंगाई भत्ता की उम्मीद कम नजर आ रही है क्योंकि DA 17 फीसद दिया, तो 1250 करोड़ रुपये सालाना खर्च करना पड़ेंगे, आगामी चुनावों और परिस्थितियों को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार इसका फैसला आगे बढ़ा सकती है।अगर सरकार ने महंगाई भत्ता दिया, तो भुगतान तुरंत नहीं दिया जाएगा, वहीं एरियर मिलने की उम्मीद भी कम ही है।अब देखना है कि नाराज कर्मचारियों को राज्य सरकार कैसा मनाती है।
बता दे कि पिछली कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) ने जुलाई 2019 में कर्मचारियों का DA 5 फीसद बढ़ाकर 17 फीसद किया था, जिसका भुगतान मार्च 2020 से होना था, लेकिन हालातों के बिगड़ने के चलते अप्रैल 2020 में आदेश निरस्त कर दिया। वही हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों का डीए 11 फीसद बढ़ा दिया। इस हिसाब से राज्य के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की तुलना में 16 फीसद कम DA मिल रहा है, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ी है और वे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार है।
कांग्रेस विधायक भी कर चुके है मांग
हाल ही में कर्मचारियों के समर्थन में मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह (Congress MLA Jaivardhan Singh) ने भी ट्वीट (Tweet) कर लिखा था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार के कर्मचारियों का DA बढ़ाया था, लेकिन खरीदी हुई शिवराज सरकार ने उसे रद्द कर दिया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के इस निर्णय से राज्य के कर्मचारियों को केंद्र के कर्मचारियों से 16% कम DA मिल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी मध्य प्रदेश के कर्मचारियों का DA बढ़ाकर उन्हें उनका हक़ दीजिये।