डबरा, सलिल श्रीवास्तव। ग्वालियर-चम्बल संभाग (Gwalior-Chambal Division) में आई बाढ़ (flood) से कई गांव इसकी चपेरत में बुरी तरह आये हैं। कुछ गांव तो ऐसे है जहां उनके खाने-पीने से लेकर उनके घर भी उजड़ गए हैं। ऐसे में शासन प्रशासन उनकी मदद के बड़े-बड़े दावे कर रहा है पर हकीकत कुछ और ही सामने निकल कर आ रही है। जिसके चलते कहीं बाढ़ पीड़ितों के साथ धोखाधड़ी का मामला तो कहीं उन्हें राहत सामग्री ना मिलने जैसे मामले सामने आ रहे हैं। जिसका पीड़ित लगातार विरोध करते नजर आ रहे हैं। अब ताजा मामला डबरा (Dabra) के भितरवार (Bhitarwar) से सामने आया है। जहां बाढ़ पीड़ितों को अधिकारीयों द्वारा फटे हुए कपड़े बाटें गए। फिर क्या था इस बात से ग्रामीणों का गुस्सा फूट गया। और वही फटे कपड़े लेकर महिलाएं सीधा एसडीएम कार्यालय पहुंच गई।
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दरअसल मामला भितरवार विकासखंड के नजरपुर गांव का है। जहां प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को फटे कपड़े वितरित किए गए। और जिसे लेकर के बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश देखा और फिर क्या था गुस्साई महिलाएं कपड़े ले कर भितरवार एसडीएम कार्यालय पहुंच गई। जहां उन्होंने सभी कपड़े एसडीएम कार्यालय में फेंक दिए। नजरपुर गांव की बाढ़ पीड़ित महिला ममता ने कहा कि हम गरीब है तो इसका मतलब यह नहीं कि हमारा मजाक उड़ाया जाए। सरपंच और पटवारी द्वारा हमे फटे कपड़े दिए गये है। जब तक हमारी समस्या का समाधान और हमें उचित सहायता प्रदान नहीं होगी जब तक हम कार्यालय से नहीं हटेंगे।
एसडीएम कार्यालय में फेंके कपड़े
ग्राम नजरपुर में महिलाओं ने जैसे ही फटे पुराने कपड़े और टूटा फूटा सामान देखा तो वह भड़क गई। और सारा सामान उठाकर एसडीएम कार्यालय में फेंक दिया। महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उनकी गरीबी का मजाक उड़ाया गया है। वहीं जन एसडीएम कार्यालय के अधिकारियों ने हंगामे का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि शनि मंदिर के पास से कपड़े उठाकर उन्हें दे दिए गए हैं। वहीं महिलाओं का कहना है कि जब तक अधिकारी उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं करेंगे तब तक वह कार्यालय के अंदर ही रहेंगी।