MP News: HC के निर्णय के बाद इन कर्मचारियों को लगा बड़ा झटका, राज्य शासन से मांगे गए जवाब

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में अधिकारी कर्मचारी (MP Officers-MP Employees) के प्रमोशन (promotion) का मामला गरमा गया है। दरअसल सीधी भर्ती से उपनिरीक्षक के पद पर नियुक्त हुए पुलिस अफसरों को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा से प्रमोशन दिया जा रहा है। कई विभागों मैं बीच का रास्ता निकाल कर प्रमोशन देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं पुलिस विभाग (Police department) और जेल विभाग (jail department) में यह प्रक्रिया अपना ली गई है। इसी बीच अब इंदौर हाई कोर्ट ने प्रमोशन के बारे में बड़ा फैसला लिया है।

दरअसल प्रमोशन के बारे में सीधी भर्ती वाले को प्राथमिकता दी जा रही है जबकि आरक्षक और एएसआई से प्रमोट होकर उपनिरीक्षक के पद पर नियुक्त हुए अफसरों द्वारा इस मामले में विरोध देखा जा रहा है। जिसके बाद इन अफसरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। निचले पद से होकर उप निरीक्षक बनने वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता नहीं देने के विरोध में यह याचिका दर्ज की गई है।

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याचिका में कहा गया है कि नीचे बच्चन युक्त होकर उपनिरीक्षक बनने वाले कर्मचारियों को सरकार प्राथमिकता नहीं दे रही है जबकि 300 सीधी भर्ती वाले उप निरीक्षकों को प्रमोट करने रिक्शा के पद पर नियुक्त किया जा रहा है। जिसके बाद अब इंदौर हाई कोर्ट ने याचिका पर फैसला होने तक सीधी भर्ती से उपनिरीक्षक बने पुलिस कर्मियों के निरीक्षक बनाए जाने पर अंतरिम रोक लगा दी है।

इतना ही नहीं याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रदेश में करीब 700 ऐसे कर्मचारी हैं। जो निचले स्तर से पद होकर उपनिरीक्षक बने हैं। बावजूद इसके प्रमोट होकर उपनिरीक्षक बने अफसरों को निरीक्षक बनने के लिए महज 4 साल के अनुभव की आवश्यकता होती है। वही सीधी भर्ती वालों के लिए यह नियम 6 साल है। बावजूद इसके इस अनिवार्य नियम को नजरअंदाज किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकार प्राथमिकता से सीधी भर्ती वालों को प्रमोशन का लाभ दे रही है।

साथ ही निचले पद पर नियुक्त होकर उप निरीक्षक ने याचिकाकर्ताओं की मांग है कि फिलहाल इस मामले में प्रमोशन पर रोक लगाई जाए। इसके बाद इंदौर हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए सीधी भर्ती से उपनिरीक्षक बने 300 पुलिसकर्मियों के निरीक्षक बनाए जाने पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसके साथ ही साथ राज्य शासन से इस मामले में जवाब पेश करने की बात कही है।

बता दें कि मध्य प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण नियम का मामला न्यायालय में लंबित है। जिसके बाद सरकार के बीच का रास्ता निकाल कर्मचारियों को प्रमोशन देने का रास्ता साफ किया गया है। इस मामले में पुलिस विभाग में कार्रवाई की जा चुकी है जबकि जेल विभाग में भी अधिकारी कर्मचारियों को प्रमोशन देने का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार द्वारा अन्य विभागों में भी प्रमोशन दिए जाने की तैयारी तैयारी करने की प्रक्रिया में है। इसके लिए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा लगातार बैठक ले रहे हैं। इस मामले में जल्द फैसला लिया जा सकता है।


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