भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय किसान यूनियन का आंदोलन शुरू हो गया है। किसानों ने दूध और सब्जियां सड़क पर फेंक आंदोलन की शुरुआत की। यूनियन के अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश के किसान सड़कों पर उतर आए हैं। उनका आंदोलन तीन जारी रहेगा। पूरे मालवा-निमाड़ क्षेत्र में भी हड़ताल शुरू हो गई है। हड़ताल को देखते हुए पुलिस और प्रशासन अलर्ट पर है। वहीं किसानों के दूसरे गुट राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले 1 से 5 जून तक प्रस्तावित हड़ताल वापस ले ली है। संगठन ने ये फैसला मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ हुई बैठक के बाद लिया।
दरअसल, मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में भोपाल के समन्वय भवन में किसानों के मुद्दे पर बड़ी बैठक हुई| इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ किसानों से जुड़े हर विभाग के आला अफसरों और कृषि मंत्री मौजूद रहे| राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के महासंघ के शिवकुमार शर्मा कक्का जी ने सीएम से चर्चा की| इस बैठक में महासंघ ने सीएम के सामने कई अहम मांगें रखीं। इनमें भूमि अधिग्रहण कानून समाप्त करने की मांग, अनाज का अनावश्यक आयात रोका जाए, मंदसौर किसान गोलीकांड में प्रभावी कार्रवाई हो, आंदोलन के दौरान किसानों पर लगाए गए केस वापस लिए जाने, किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए विकासखंड स्तर पर कमेटियां बनाई जाने और लागत से अधिक आमदनी के लिए समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग शामिल है। बैठक के दौरान किसान मजदूर संघ ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग रखी। उनका कहना था कि 7 दिन का विशेष सत्र बुलाकर किसानों से जुड़े मसल���ं पर चर्चा की जाए।
बैठक में मुख्य मंत्री ने कर्ज माफी के अलावा किसानों की अन्य मांगों पर जल्द कार्रवाई का भरोसा दिलाया। जिसके बाद किसान यूनियन ने हड़ताल वापस ले ली है| इस हाई लेवल मीटिंग में मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा कृषि मंत्री सचिन यादव, वित्त मंत्री तरुण भनोत के अलावा कई विभागों के प्रमुख सचिव मौजूद थे। बैठक में तय हुआ कि किसानों की कर्जमाफी के लिए एक निराकरण समिति बनाई जाएगी। जो तय वक्त के अंदर इस मसले को हल करेगी। बैठक में संगठन ने किसानों के मुद्दे पर सात दिन का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की है। भूमि अधिग्रहण कानून खत्म करने की मांग भी उठाई गई।