भोपाल। कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही उद्योगों के लिए नीति बनाई, जिसके तहत मप्र में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को 70 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार देने की शर्त जोड़ी गई थी, जो पहले 50 फीसदी थी। इसके उलट प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में बाहरी राज्यों के लोगों के लिए द्वारा खोल दिए हैं। अब बाहरी राज्यों के युवा 35 साल की आयु तक मप्र में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। दो साल पहले शिवराज सरकार ने बाहरी राज्यों के लिए आयु सीमा 28 साल की थी।
शिवराज सरकार ने दो साल पहले आयु सीमा कम करके बाहरी राज्यों के लिए लोकसेवा आयोग समेत अन्य भर्तियों में अड़ंगा लगाने का काम किया था। कमलनाथ सरकार ने 15 महीने पहले आए मप्र हाईकोर्ट के फैसले पर अमल करते हुए बाहरी राज्यों के लिए आयु सीमा बढ़ा दी है। अब सभी के लिए समान आयु सीमा 21 से 35 साल है। राज्य कैबिनेट ने सामान्य प्रशासन विभाग के इस फैसले पर रोक लगा दी है। हालांकि सरकार के इस फैसले से कुछ मंत्री असहमत हैं।
कैबिनेट ने मप्र लोक सेवा आयोग के द्वारा खुली प्रतियोगिता से सीधी भर्ती के भरे जाने वाले पदों के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 और अधिकतम 35 वर्ष करने का निर्णय लिया गया। साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, शासकीय/ निगम/ मण्डल/ स्वशासी संस्था के कर्मचारियों/ नगर सैनिक/ नि:शक्तजन/ महिलाओं (अनारक्षित/ आरक्षित) आदि के लिए आयु सीमा 21 से 40 वर्ष करने का निर्णय लिया गया। लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी पदों के लिए खुली प्रतियोगिता से सीधी भर्ती के भरे जाने वाले पदों के लिए आयु सीमा 18 से 32 वर्ष निर्धारित की गई है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, शासकीय/ निगम/ मण्डल/ स्वशासी संस्था के कर्मचारियों/ नगर सैनिक/ नि:शक्तजन/ महिलाओं (अनारक्षित/ आरक्षित) आदि के लिए आयु सीमा 18 से 37 वर्ष करने का निर्णय लिया गया। जबकि पहले आयु सीमा 21 से 28 साल थी। जबकि प्रदेश के लोगों के लिए 21 से 32 साल थी। अब सभी के लिए समान आयु सीमा 21 से 35 साल कर दी गई है। सरकार ने यह फैसले हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन में लिया है। मजेदार बात यह है कि सरकार इस फैसल के विरोध में ऊपरी कोर्ट में नहीं गई।