भोपाल। मध्य प्रदेश में मंत्री मंडल में जगह नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस विधायकों ने शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से मुलाकात की। बताया जा रहा है दस विधायकों का डेलिगेशन राहुल से मिला। इनमें पिछोर विधायक केपी सिंह और विधायक एंदल सिंह कंसाना शामिल थे। इन दोनों ही विधायकों को मंत्री मंडल में जगह नहीं मिलने से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक इन विधायकों को भोपला मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने के लिए कहा गया है। वहीं, आलाकमान ने विरोध और असंतोष विधायकों को साधने के लिए सहकारिता मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है।
कांग्रेस की सत्ता में वापिसी होने के बाद से ही मंत्री पद को लेकर क्षत्रपो के बीच खींचतान होने लगी थी जिसके कारण मामला हाईकमान के पास पहुंच गया था। हाईकमान ने सभी क्षत्रपो से बातचीत करने के बाद मंत्री बनाने का काम तो कर दिया था, लेकिन ऐसे में कई ऐसे नाम छूट गए जो काफी सीनियर विधायक है। मंत्री न बनाएं जाने के बाद कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर मैदान में आ गई, लेकिन इस मामले को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मैनेज करने का काम किया और जो नाराज थे उनको कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात भी करा दी।
अब मुलाकात के बाद नाराज विधायको कों क्या आश्वासन मिला है इसका खुलासा तो नहीं हो सका है, लेकिन सूत्र का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले मंत्रीमंडल का विस्तार कर केपी सिंह एवं एंदल सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है। इसके पीछे कारण यह है कि मुरैना क्षेत्र से फिलहाल मंत्रीमंडल में किसी को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है जबकि जिले में कांग्रेस सभी सीटे जीत कर आई है। अब विभागो के बंटबारे के बाद एक बार फिर असंतोष उभरने लगा है। लाखन सिंह अपने लिए कृषि विभाग चाहते थे, लेकिन उनको पशुपालन जैसा विभाग दे दिया गया है जिसके कारण वह खासे नाराज है। वहीं कुछ ऐसे ओर भी मंत्री है जो नाराज बताएं जा रहे है। विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले नाराज मंत्रियो एवं विधायको को मनाने का प्रयास कांग्रेस ने तेज कर दिया है, क्योकि कांग्रेस को लगने लगा है कि विधानसभा अध्यक्ष के लिए भाजपा भी प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है जिसके कारण कांग्रेसी अभी से सचेत होकर नाराजगी को दूर करने में जुट गए है।
रूठों को मनाएंगे सिंह
डॉ. सिंह गुरूवार की रात ही भोपाल से अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए भोपाल से निकले थे। रात को ग्वालियर में रुककर शुक्रवार को वह ग्वालियर से भिण्ड होते हुए लहार पहुंचे थे। बीच रास्ते में स्वागत होने के कारण वह शुक्रवार की रात लहार पहुंचे ओर शनिवार को क्षेत्र में आभार जताने के लिए निकलने वाले थे, लेकिन रात को ही भोपाल से कॉल आ गया। भोपाल से बुलावा आते ही शनिवार को वह लहार से झांसी निकलकर सीधे भोपाल के लिए ट्रेन पकड़ी। डॉ. सिंह काफी सीनियर विधायक एवं मंत्री है जिसके कारण उनके अनुभव का लाभ अब मुख्यमंत्री उठाना चाहते है ओर यही कारण है कि उनको संसदीय कार्य मंत्री जैसा महत्वपूर्ण जिम्मा सौंप कर विधानसभा के अंदर कांग्रेस विधायको को साधने की जिम्मेदारी दी है।