भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार एक बार फिर बड़े पैमाने पर प्रशासनिक सर्जरी करने जा रही है। मंत्री मंडल के गठन के साथ ही 25 दिसंबर को नए आदेश जारी होनी की उम्मीद है। लंबे समय से लूप लाइन में रहे अफसरों के नाम इस लिस्ट में शामिल हो सकते है। तीन जिलों में कलेक्टर में भी कलेक्टर की पोस्टिंग होना है| हाल ही में हुई प्रशासनिक सर्जरी में बुरहानपुर, झाबुआ और सिवनी में पोस्टिंग नहीं हो पाई है| वहीं, अंदरखाने की खबर है कि कृषि और वित्त विभाग में भी बड़े पैमाने पर फेरबदल संभव है। पूर्व सरकार में मलाईदार पदों पर बैठे अफसरों का कद भी नई सरकार में घट सकता है। 26 दिसंबर को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम शुरू होगा। इसलिए राज्य सरकार 25 दिसंबर को ही तबादले के आदेश जारी कर सकती है। क्योंकि 26 के बाद फिर चुनाव आयोग की बिना अनुमति किसी अफसर का तबादला नहीं किया जा सकेगा।
कृषि विभाग में होगा बदलाव
कृषि विभाग में बड़े स्तर पर बदलाव किया जाना संभव है। सूत्रों के मुताबिक, प्रमुख सचिव राजेश राजोरा, कृषि उत्पादन आयुक्त पीसी मीणा और आयुक्त मोहनलाल मीणा को हटाया जा सकता है। हालांकि, लंबे समय से कृषि ऋण माफी के प्रस्तावक, राजौरा खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस में उनकी शिकायतों को देखते हुए, यह संभावना है कि उन्हें हटाया जा सकता है। अन्य वरिष्ठ अधिकारी जो लंबे समय से मंत्रालय में जमे हैं उनके विभाग भी बदले जाएंगे। इनमें जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, आरएस जुलानिया, एनवीडीए के उपाध्यक्ष रजनीश वैश्य, उद्योग नीति और निवेश प्रोत्साहन के प्रमुख सचिव, मोहम्मद सुलेमान, और आयुक्त, आदिवासी कल्याण विभाग दीपाली रस्तोगी शामिल हैं। ।
एपी श्रीवास्तव को मिल सकता है वित्त विभाग
लोकसभा चुनाव तक इस बात की चर्चा है कि वित्त विभाग स्वयं मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने पास रखेंगे और नई टीम का गठन करेंगे। नौकरशाही में इस बात की अटकलें भी जोरों पर है कि एसीएस एपी श्रीवास्तव की वापसी वित्त विभाग में हो सकती है। वहीं, अनुराग जैन और मनोज गोविल का तबादला भी दूसरे विभाग में हो सकता है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि यह बदलाव चीफ सेक्रेट्ररी के बनने के बाद ही सामने आएंगे। वहीं, सीएम के आदेश के बाद सभी विभागों के हेड भी बदले जाएंगे जो लंबे समय से पोस्टिड हैं।
कई आईएएस नहीं बनाए गए कलेक्टर
– कई आईएएस अफसरों को उम्मीद थी की सरकार बदलेगी तो उनके दिन भी बदल जाएंगे। उन्हें मंत्रालय से निकालकर कलेक्टरी मिल जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कई महिला अधिकारियों को भी जमीन पर पोस्टिंग नहीं मिली। इस तरह आईएएस अधिकारियों और पदोन्नत अधिकारियों के बीच स्थिति अलग नहीं थी। इससे कई अधिकारियों में असंतोष फैल गया है।
– करीब दो दर्जन अधिकारियोंं को कलेक्टर बनने का मौका इस बार नहीं मिला। उन्हें उम्मीद थी कि नई सरकार में उन्हें जमीन पर पोस्टिंग मिलेगी। लेकिन आदेश हेने पर ऐसे अफसरों के ख्वाब टूट गए। सूत्रों के मुताबकि चुनाव के समय जिन अधिरकारियों की शिकायत की गई उन्हें सरकार बदलते ही अच्छी पोस्टिंग मिल दे दी गई।
– जिन अधिकारियों को पोस्टिंग नहीं मिली, उनमें नागेंद्र मिश्रा, 2002 बैच, प्रमोटर ऑफिसर पतिराम कट्रोलिया और अमर सिंह बघेल, भगत सिंह कुलेश, 2005 बैच, सबाजीत यादव, 2006 बैच, अश्करत तिवारी, 2006 बैच, रवि डफरिया, 2006 बैच, राजेश कोल शामिल हैं। , उपेंद्र नाथ शर्मा और 2007 बैच के संजय गुप्ता, 2008 बैच की उर्मिला शुक्ला, 2009 बैच के उमेश कुमार, शैबाला मार्टिन, जगदीशचंद्र जटिया, वंदना वैद्य, अमरपाल सिंह और शिवपाल।