भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। चुनावी सरगर्मियों के बीच मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने एक और बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत आम लोगों की मदद के लिए गृह विभाग (Home Ministry Department) के अधीन आने वाली 17 तरह की सेवाओं को लोक सेवा गारंटी (Lok Seva Gurantee) के दायरे में शामिल कर दिया है।
इससे अब लोगों को यह सेवाएं तय समय में देने की जिम्मेदारी अधिकारियों (Officers) पर आ गई है। इसके बाद भी अगर तय सीमा में इन सेवाओं को नहीं दिया गया तो फिर अधिनियम के तहत जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्यवाही होगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
अधिसूचना के मुताबिक, अब किसी मृतक के परिजनों द्वारा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के लिए आवेदन देने पर उन्हें रिपोर्ट की प्रतिलिपि 30 दिन के अंदर हर हाल में उपलब्ध करानी होगी। यह जिम्मेदारी संबंधित थाना प्रभारी और अजाक थाने में डीएसपी की होगी इसी। तरह अब e-governance पोर्टल पर भी FIR दर्ज किए जाने पर उसी दिन फरियादी को उसकी प्रति देनी होगी। अगर वह पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है तो फरियादी को 7 दिन के भीतर उसकी प्रति उपलब्ध कराना होगी। इसके लिए भी थाना प्रभारी और अजाक के DSP जिम्मेदार होंगे।
2 दिन में देना होगा अस्थाई यात्रा लाइसेंस
यदि किसी व्यक्ति को अस्थाई यात्रा लाइसेंस (License) की जरूरत होती है तो फिर जिला दंडाधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह 2 दिन के अंदर इसका पास जारी करें। इसके लिए पुलिस ने अनापत्ति मिलना जरूरी होगा। हथियार का उपयोग करने वालों का नाम जोड़ना यह हटाना हो तो फिर पुलिस की अनापत्ति मिलने के बाद 7 दिन के भीतर यह काम पूरा करना होगा। इस तरह से ध्वनि विस्तारक यंत्र को धीमी गति से चलाने की अनुमति देने का जिम्मा क्षेत्र के अनुभाग अधिकारी को दिया गया है। उन्हें इसके लिए अनुमति 7 दिन के अंदर देनी होगी।
15 दिन के अंदर कर आना होगा लाइसेंस का नवीनीकरण
शस्त्र लाइसेंस की अवधि पूरी होने से पहले वर्जित बोर का लाइसेंस नवीनीकरण जिला दंडाधिकारी को 15 दिन के भीतर करना होगा। इसी तरह से वर्जित बोर के शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण की अवधि 60 दिन तय की गई है। इस तरह से आवेदन निरस्त लाइसेंस की डुप्लीकेट प्रति जाता है तो उसके लिए 7 दिन की समय सीमा तय कर दी गई है। यह अवधि पुलिस द्वारा अनापत्ति जारी करने के बाद की होगी। अधिसूचना के मुताबिक स्वीकृत शस्त्र लाइसेंस में शस्त्र दर्ज किए जाने संबंधित आवेदन पर यदि वह शस्त्र पुनः विक्रय का नहीं हो तो फिर उसके लिए 7 दिन की अवधि तय की गई है। इसका जिम्मा जिला दंडाधिकारी को होगा।
मौत पर 7 दिन में करना होगा लाइसेंस निरस्त
अधिसूचना के मुताबिक यदि किसी लाइसेंसी की मौत हो जाती है और उसके बाद शास्त्र का समर्थन करने का या फिर लाइसेंस को निरस्त करने का हो तो जिला दंडाधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह इसे 7 दिन में पूरा करें। इसी तरह लाइसेंसी की मौत के बाद हथियार की बिक्री या स्थानांतरण के आवेदन का भी 7 दिन में निराकरण करना होगा।