Avadh Ojha BBC interview : चार दिन पहले आम आदमी पार्टी में शामिल हुए अवध ओझा एक बार फिर चर्चाओं में हैं। इस बार मुद्दा बीबीसी के साथ उनके इंटरव्यू का है। लेकिन इस दौरान उनके किसी बयान की नहीं, बल्कि बीच में इंटरव्यू छोड़कर जाने को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। दरअसल, इस इंटरव्यू का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक सवाल को लेकर पीछे से किसी आप पदाधिकारी की आवाज़ सुनाई दे रही है जो पत्रकार के सवाल पर आपत्ति जता रहे हैं। इसके बाद अवध ओझा ये इंटरव्यू बीच में ही छोड़ देते हैं।
इस वीडियो के सामने आने के बाद ये सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या आम आदमी पार्टी के नेताओं के इंटरव्यू इसी तरह सेंसर होते हैं। क्या पत्रकारों को पहले ही ‘आगाह’ कर दिया जाता है या फिर उनके सवाल फिक्स किए जाते हैं। बीबीसी न्यूज़ ने करीब साढ़े आठ मिनट का ये वीडियो यूट्यूब चैनल पर जारी किया है और इसके बाद इसे लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया आ रही हैं।
![Awadh Ojha](https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2024/12/mpbreaking14069684.jpg)
कौन हैं अवध ओझा
अवध ओझा..जिनका पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है उत्तर प्रदेश के गोंडा शहर के रहने वाले हैं। ओझा कोचिंग के व्यापार से जुडे हैं और मोटिवेशनल स्पीकर भी रह चुके हैं। वो पढ़ाने के अपने खास अंदाज़ के लिए जाने जाते हैं। वो यूपीएससी कोचिंग के लिए जाने जाते हैं ओझा सर नाम से लोकप्रिय, वे अब तक लाखों छात्रों को यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षित कर चुके हैं। उनकी शिक्षण शैली और मोटिवेशनल स्पीच ने उन्हें युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय बनाया।
हाल ही में, 2 दिसंबर को अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी (AAP) की सदस्यता ली। पार्टी में शामिल होने के पीछे उन्होंने अपना उद्देश्य शिक्षा और समाज में सुधार करना बताया। उनका कहना है कि अरविंद केजरीवाल और AAP सरकार की शिक्षा क्रांति से वे प्रभावित हैं और मानते हैं कि राजनीति के माध्यम से शिक्षा में और बेहतर सुधार किया जा सकता है।
BBC इंटरव्यू को लेकर चर्चाओं में ‘ओझा सर’
लेकिन फिलवक्त वे दीगर कारणों से सुर्खियों में हैं। दरअसल, बीबीसी के पत्रकार अंशुल सिंह उनका इंटरव्यू लेने पहुंचे थे। इंटरव्यू शुरु हुआ और राजनीति में जाने सहित अन्य कई मुद्दों पर पत्रकार उनसे सवाल करते रहे। राजनीति में आने के उद्देश्य से लेकर अपनी विचारधारा तक..अवध ओझा ने कुछ सवालों के जवाब दिए। पत्रकार ने उनसे ये भी पूछा कि ‘आपने ‘आप’ ही क्यों जॉइन की, आप तो बीजेपी और कांग्रेस से भी टिकट मांग रहे थे और बसपा ने तो टिकट दे ही दिया था। फिर आप दिल्ली क्यों आ गए..आप तो उत्तर प्रदेश में ही रहते जहां बड़ी पार्टियां हैं।’ इसपर अवध ओझा ने कहा कि ‘आप डेमोक्रेसी में रहते हैं..उसे समझते हैं। आपका चयन होता है। कोई आदमी जब आपको सम्मान दे रहा है, बुला रहा है। कह रहा है आप शिक्षा पर काम करेंगे..हमारे सहयोगी बनेंगे। आम आदमी पार्टी ने कहा कि अगर आप हमारे सहयोगी बनेंगे तो हमे बड़ा अच्छा लगेगा..इसलिए जॉइन कर लिया।’
इस सवाल पर इंटरव्यू छोड़कर उठ गए अवध ओझा
इसके बाद कुछ समय बाद आया वो सवाल जिसपर ‘ओझा सर’ इंटरव्यू छोड़कर उठ गए। पत्रकार ने उनसे पूछा कि ‘आप मोदी और राहुल गांधी की तारीफ करते रहते थे..अब आप आम आदमी पार्टी में है। क्या अब भी ये तारीफ जारी रखेंगे।’ अवध ओझा ने इसका जवाब भी दिया ये कहते हुए कि ‘तारीफ करना एक अच्छे इंसान की निशानी है। आज के लोग पता नहीं तारीफ करने को बुरा क्यों मानते हैं। अगर आपकी शादी हो गई तो फिर क्या सारी दुनिया के स्त्री और पुरुष आपके लिए बुरे हो गए। तारीफ एक पॉजिटिव माइंटसेट का काम है। हमारे यहां राजनीति में किसी की किसी से दुश्मनी थोड़ी है। किसी को कोई अच्छा लगा, उसकी कोई बात अच्छी लगी तो तारीफ करेगा। ब्रायन लारा ने जब दुबारा चार सौ रन बनाए तो सचिन ने एप्रिशिएट किया। हम किस स्थिति में क्या बोलते हैं..तारीफ करना कोई बुरी चीज़ है।’ बस यही वो पल था जब पीछे से किसी ने कहा ‘स्टॉप कर दीजिए’। पत्रकार ने पीछे मुड़कर देखा तो कोई कहता सुनाई दे रहा है कि ‘आपको मैंने बोला था न कोई उल्टा सीधा सवाल नहीं करने के लिए।’ ये बात किसने कही, इसका पता तो नहीं चला लेकिन ज़ाहिर सी बात हो वो कोई आप नेता ही थे। उनकी बात पर बीबीसी पत्रकार कहते ही रह गए कि ये तो सामान्य सवाल है लेकिन पीछे खड़े आप पदाधिकारी ने इंटरव्यू रोक दिया। जब पत्रकार ने अवध ओझा से इस बाबत पूछा तो उन्होंने कहा कि ‘पार्टी लाइन डिसाइड करेगी..ये तो ये लोग डिसाइड करेंगे।’ और इसके बाद वो अपना माइक हटाते नजर आते है।
बीजेपी ने की आलोचना
इस इंटरव्यू को बीबीसी न्यूज़ ने अपने यूट्यूब चैनल पर जारी किया है जिसके बाद अब बीजेपी सहित कई लोग इसे लेकर सवाल कर रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्ष वर्धन ने एक्स पर लिखा है कि ‘ये कोई साधारण तस्वीर नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल के दोहरे चरित्र की असल तस्वीर को उजागर करता है। राजनीति में आते हुए जिन-जिन मर्यादा के गुण गाते थे, आज हर एक को अपने घमंड भरे पाँव से कुचल रहे हैं। केजरीवाल जी, अहंकार तो रावण का भी नहीं टिका था, आप तो फिर भी शराब घोटाले में जेल जाकर जाए एक नेता हो।’ इसी तरह इस इंटरव्यू पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और अवध ओझा अपनी ‘पार्टी लाइन डिसाइड करेगी’ वाले जुमले के साथ चर्चाओं में हैं।
“वीडियो साभार: बीबीसी न्यूज़”
ये कोई साधारण तस्वीर नहीं बल्कि @ArvindKejriwal के दोहरे चरित्र की असल तस्वीर को उजागर करता है। राजनीति में आते हुए जिन-जिन मर्यादा के गुण गाते थे, आज हर एक को अपने घमंड भरे पाँव से कुचल रहे हैं।
केजरीवाल जी, अहंकार तो रावण का भी नहीं टिका था, आप तो फिर भी शराब घोटाले में जेल… pic.twitter.com/vpf3RyGMZT
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) December 5, 2024