घर पर ही कम जगह में आसानी से उगाएं महंगा केसर, ये आसान ट्रिक करेगी कमाल

आप इसे घर पर ही कम लागत में उगा सकते हैं. बस सही तकनीक और कुछ आसान ट्रिक्स अपनाकर आप अपने छोटे से गार्डन या कमरे में भी बेहतरीन केसर की फसल ले सकते हैं.यह तरीका न केवल सस्ता है, बल्कि आपको शुद्ध और ताजा केसर भी देगा।

Bhawna Choubey
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घरों में सुंदर-सुंदर पेड़-पौधे (Plant Care) लगाने का शौक लगभग सभी को है, अपने इसी शौक़ के चलते लोग अपने घरों में तरह तरह के न सिर्फ़ फूलो वाले पौधे बल्कि मौसमी फलों और सब्ज़ियों के पौधे भी लगाने लगे हैं. जिन लोगों के घर में ज़्यादा जगह होती है, वे लोग अपने घर के एक हिस्से को गार्डन के रूप में बदल देते हैं, वही जिन लोगों के घर में ज़्यादा जगह नहीं होती है वे लोग अपने घर की बालकनी या फिर छत पर तरह-तरह के पौधे लगाते हैं.

अब कई लोगों के मन में घर पर केसर लगाने का विचार भी आता है, केसर की क़ीमत बाज़ार में कितनी ज़्यादा है यह तो बताने की ज़रूरत ही नहीं है, इसकी ख़ुशबू और औषधीय गुण इसे दिन पर दिन क़ीमती बनाते जा रहे हैं. केसर एक क़ीमती मसाला है, जिसकी क़ीमत बाज़ार में डेढ़ लाख से साढ़े तीन लाख रुपया प्रति किलो होती है.

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घर पर कैसे उगाएं केसर (Saffron Plant)

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कम ख़र्च में शुद्ध केसर को आसानी से उगाया जा सकता है, इसे घर पर उगाना एक बहुत ही अच्छा ऑप्शन माना जाता है. शायद आपको यह सुनने में थोड़ा कठिन लग रहा होगा, लेकिन बस थोड़ी सी मेहनत और सही देखभाल की मदद से आप अपने घर के छोटे से हिस्से में या फिर गमले में भी केसर को आसानी से उगा सकते हैं. घर पर केसर उगाने के लिए आप एरोपॉनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस तकनीक में बहुत ही कम जगह की ज़रूरत होती है, चलिए इस आर्टिकल में विस्तार से समझते है कि एरोपॉनिक सिस्टम कैसे तैयार किया जाता है.

एरोपॉनिक तकनीक का इस्तेमाल

एरोपॉनिक तकनीक से केसर उगाने के लिए सबसे पहले आपको एक ख़ाली कमरे की आवश्यकता है, जहाँ आप पौधों की देखभाल आसानी से कर सके. कमरे के तापमान को कंट्रोल रखने के लिए एक एयर कंडीशनर की भी आवश्यकता होगी जो कमरे को ठंडा बनाए रखने में मदद करेगा. केसर के लिए सबसे उत्तम तापमान दिन में 17 डिग्री और रात में 10 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए. इस तकनीक का यह फ़ायदा होता है कि आप कम जगह में भी अच्छी क्वालिटी वाली केसर उगा सकते हैं.

कैसी होनी चाहिए मिट्टी

अब आपके मन में यह सवाल तो ज़रूर आ रहा होगा कि आख़िर किस तरह की मिट्टी, केसर उगाने के लिए इस्तेमाल की जानी चाहिए, केसर उगाने के लिए आपको रेतीली, चिकनी और बलुई मिट्टी की आवश्यकता होगी. एरोपॉनिक ढांचे में मिट्टी को भूरभूरा करके डालें, ताकि इसमें पानी जमा न हो सके.

कैसी होनी चाहिए खाद

अगर खाद की बात की जाए तो मिट्टी में गोबर की खाद, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश भी मिलाएं. इन चीज़ों को मिलाने से मिट्टी की क्वालिटी बढ़ जाएगी, और केसर के पौधे की ग्रोथ अच्छी होगी. जब मिट्टी में भरपूर पोषक तत्व पाए जाते हैं, तब पौधा तेज़ी से बढ़ता है और अच्छे परिणाम भी देता है.

किस क़िस्म की केसर लगाएं

जब मिट्टी अच्छे से तैयार हो जाए तो उसमें केसर के बल्ब लगाए. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बल्ब लगाने से पहले उन्हें अंकुरित कर लेना ज़रूरी है. अगर आप अच्छी क़िस्म की केसर उगाना चाहते हैं तो मोगरा क़िस्म के बल ख़रीदें, क्योंकि यह बल्ब अच्छी क्वालिटी की केसर प्रदान करते हैं. इसका इस्तेमाल करने से आपको एक स्वस्थ और अच्छी क्वालिटी वाले केसर मिलेगी.

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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