जब कभी भी छोटे बच्चों को गुस्सा आता है, तो हर कोई यही कहता है कि ‘अरे बाप रे इतनी सी उम्र में इतना गुस्सा’, बच्चों का गुस्सा नजरअंदाज करना बिल्कुल भी सही नहीं है. अक्सर माता-पिता बच्चों के गुस्से को नजरअंदाज करते हैं, और इसे एक मामूली आदत मानते हैं, कई बार तो बच्चों के गुस्से को परिवार के सदस्यों से भी जोड़ दिया जाता है, आपने भी अक्सर कई लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि ‘इसका गुस्सा तो बिल्कुल उसके पापा पर गया है’, इसी तरह लोग परिवार में रह रहे लोगों से बच्चों का गुस्सा जोड़ देते हैं. अगर आपका बच्चा भी छोटा है और वह बात-बात पर हद से ज्यादा गुस्सा करता है तो आपको उसकी इस आदत पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
कई माता-पिता की यह शिकायत रहती है कि उनका बच्चा छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगा है और अगर वह उनकी बात नहीं मानते हैं तो बच्चा घूरकर देखता रहता है, उन्हें समझ ही नहीं आता है कि आखिर इतनी छोटी सी उम्र में बच्चों को इतना गुस्सा आता क्यों है. बच्चों की इस आदत से माता-पिता का परेशान होना बहुत ही स्वाभाविक है. लेकिन आपको ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, कई बार बच्चे अपने अंदर हो रहे बदलाव के कारण गुस्सा करते हैं, कई बार अपने आसपास के वातावरण की वजह से गुस्सा करते हैं. गुस्सा आना ना सिर्फ बच्चे बल्कि बड़ों में भी आदत होती है, लेकिन अगर यह आदत लगातार बनी रहे तो, इसे सही तरीके से संभालना बहुत जरूरी हो जाता है. आज हम आपकी इसी परेशानी को कम करने के लिए यह आर्टिकल लेकर आए हैं, इसमें हम एक एक करके बताएंगे, कि आप किस तरह से अपने बच्चों का गुस्सा शांत कर सकते हैं, वह भी बिना डांटे, मारे और चिल्लाए.
गुस्सा शांत करने के लिए अपनाएं ये 4 असरदार तरीके (Parenting Tips)
बातों को समझें
जब कभी भी आपका बच्चा गुस्सा करे, तो उसे तुरंत डांटना या चुप कराने की बजाय उसकी बातों को बड़े ही ध्यान से सुनें . कई बार ऐसा होता है कि जब बच्चे अपनी भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते हैं तो वह गुस्से का सहारा लेते हैं, इसलिए आप उनकी बातों को ध्यान से सुनें और फिर उनसे प्यार से पूछे कि वह नाराज क्यों है.
फिजिकल एक्टिविटी में शामिल करें
अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि कुछ दिनों से आपका बच्चा हद से ज्यादा गुस्सा कर रहा है, बात-बात पर चिढ़ने लगा है, तो ऐसे में जरूरी है कि आप उसे फिजिकल एक्टिविटी में शामिल करें. जैसे साइकिलिंग, दौड़ना, योगा, डांस, स्विमिंग आदि, जब बच्चा इन फिजिकल एक्टिविटी में व्यस्त रहेगा तो उसका गुस्सा अपने आप धीरे-धीरे कम होने लगेगा.
रोज मेडिटेशन करवाएं
मेडिटेशन न सिर्फ बड़े लोगों के लिए बल्कि बच्चों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है, अगर आपको लग रहा है कि आपका बच्चा बार-बार गुस्सा करता है तो आपको रोजाना दिन में 10 मिनिट मेडिटेशन बच्चों को करवाना चाहिए, इतना ही नहीं आपको भी उसके साथ बैठकर मेडिटेशन करना चाहिए, यह आदत न सिर्फ गुस्से को शांत करती है, बल्कि पढ़ाई में फोकस करने में भी मदद करती है.
अच्छे व्यवहार की तारीफ करें
इस बात का ध्यान रखें कि जब कभी भी आपका बच्चा गुस्सा कर तो उसे डांटने, मारने और चिल्लाने की बजाय उसे प्यार से समझाएं, बच्चे को सही और गलत में फर्क बताएं, जब कभी भी बच्चा बिना गुस्सा कर अपनी बातें रखें तो आप उसके इस व्यवहार की तारीफ कर सकते हैं, जिससे कि बच्चों को लगेगा कि शांत स्वभाव रखने से तारीफे मिलती हैं और यह स्वभाव अच्छा होता है.