Ayodhya Ram Mandir : बीजेपी ने दिग्विजय सिंह को कहा ‘रामद्रोही’, रामलला की मूर्ति पर उठाए सवालों को बताया ‘षड्यंत्र’

Digvijaya Singh

Ayodhya Ram Mandir : बीजेपी ने दिग्विजय सिंह को  ‘रामद्रोही’ कहा है। प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा है कि जब वो श्रीराम मंदिर बनने से नहीं रोक पाए तो अब किसी और तरीके से विघ्न डालने का षड्यंत्र कर रहे हैं। दरअसल दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया था कि रामलला की जिस मूर्ति पर सारा झगड़ा हुआ, वो कहां है और उसे स्थापित क्यों नहीं किया जा रहा है।

दिग्विजय सिंह ने किए ये सवाल

दिग्विजय सिंह ने पूछा है कि अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर का उद्घाटन हो रहा है लेकिन मंदिर में नई मूर्ति कहां से और क्यों आ रही है। रामलला की जिस मूर्ति पर सारा झगड़ा हुआ वो कहां है ? वो मूर्ति स्थापित क्यों नहीं की ? नई मूर्ति कहां से आ रही है ? नई मूर्ति की आवश्यकता क्यों पड़ी ये हम पूछना चाहते है। लेकिन ये सवाल बीजेपी को रास नहीं आ रहे हैं। अब बीजेपी नेता आशीष अग्रवाल ने इसे दिग्विजय  सिंह का षड्यंत्र करार दिया है।

बीजेपी ने किया पलटवार, ‘रामद्रोही’ कहा

आशीष अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट किया है कि ‘राम द्रोही दिग्विजय सिंह का नया पैंतरा देखिए…श्रीराम के अस्तित्व को नकारने वाली कांग्रेस के ये प्रतिनिधि जब श्रीराम मंदिर बनने से नहीं रोक पाए तो अब येन-केन-प्रकारेण विघ्न कैसे डाला जाए इसके लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। ठीक उसी तरह जैसे त्रेता में संत महात्माओं के यज्ञ आदि पुण्य कार्यों में विघ्न डालने के लिए राक्षस कुंड में हड्डियां डाल जाते थे…दिग्विजय सिंह इसी फिराक में रहते हैं कि श्रीराम मंदिर के निर्माण में अड़चन कैसे डाली जाए…अरे दिग्विजय जी, अपनी विघ्नकारी बुद्धि लगाने से पहले मंदिर समिति की योजना तो पता कर लेते। मंदिर समिति ने योजना बनाई है कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में नवीन तथा पुरानी दोनों मूर्तियां विराजमान होंगी। नवीन मूर्ति को अचल स्वरूप में ‘स्थिर मूर्ति’ तथा पुरानी को चल स्वरूप में ‘उत्सव मूर्ति’ के रूप में विराजमान किया जाएगा। इसलिए अपनी दिमागी गंध फैलाने से बेहतर है कि राम-नाम जपिए, अभी 18 दिन शेष हैं, हो सकता है नामजप से पाप कम हो जाए…दिग्गी राजा ध्यान रखिए, ये मंदिर करोड़ों देशवासियों की वर्षों की प्रार्थना से जीवंत हो रहा है। इसके लिए रामभक्तों ने तन-मन-प्राण लगाए हैं। आपके कोसने से ये रूकने वाला नहीं।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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