बालाघाट।
मध्यप्रदेश के पहले चरण की वोटिंग के लिए 9 अप्रैल को आखिरी नामांकन भरा जाना है। इसके पहले भाजपा नाराज बागी नेताओं को मनाने में असफल रही है। टिकट कटने से नाराज चल रहे बालाघाट वर्तमान सांसद बोधसिंह भगत ने बगावत दी है और निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। भगत का कहना है कि मैं अकेला ही सौ के बराबर हूं। पार्टी तो छोड़ दूंगा लेकिन मैदान नहीं। भगत के इस बयान के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है। बता दे कि पहले चरण की वोटिंग 29 अप्रैल को होगी।
दरअसल, बीजेपी ने अबतक २१ उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। इसमें कई वर्तमान सांसदों के टिकट काटे गए है। बालाघाट से वर्तमान सांसद बोध सिंह भगत का टिकट काट ढ़ाल सिंह बिसेन को उम्मीदवार बनाया गया है।जिससे वे नाराज हो गए है और बगावत पर उतर आए है। उन्होंने साफ तौर पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। भगत का कहना है कि मुझे किसी दल की जरूरत नहीं है और हार का डर भी नहीं है। भाजपा के लोग जो कल तक साथ थे, वे आज भी मेरे साथ हैं। बोध सिंह भगत खुद अकेला 100 के बराबर है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी तो छोड़ देंगे लेकिन मैदान नहीं छोड़ेंगे। भाजपा प्रत्याशी जनता के बीच क्या बताने जाएंगे। मैं तो जनता के बीच अपने पांच साल के विकास कार्य गिनाने जाऊंगा। उन्होंने कहा कि किसी एक व्यक्ति के कहने पर टिकट काट दिया गया। जीते हुए सांसद को एक बार और अवसर देना था।
भगत 9 अप्रैल को अपने समर्थकों के साथ नामांकन भरेंगे। गोंदिया में कार्यकर्ता सम्मेलन में आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी उन्होंने टिकट कटने को लेकर चर्चा की है। 9 अप्रैल तक पार्टी उन्हें लेकर विचार नहीं किया तो वे बिना दल के जनता के साथ जाकर चुनाव लड़ेंगे।भगत की इस बगावती तेवर के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है।हाईकमान ने प्रदेश के नेताओं से भगत को मनाने को कहा है।खबर है कि आज भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा व नरोत्तम मिश्रा उन्हें मनाने उनके घर जा सकते हैं। अगर भगत नाम वापस नही लेते है तो पार्टी को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। काफी संख्या में वोट कट सकते है जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिलना तय है।